Book Title: Kasaypahudam Part 05
Author(s): Gundharacharya, Fulchandra Jain Shastri, Kailashchandra Shastri
Publisher: Bharatiya Digambar Sangh

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Page 390
________________ गा० २२] अणुभागविहत्तीए हाणपरूवणा ३६१ सादिरेयचदुरूवोवलंभादो । पंचरूबाणि ण पूरेति, तीसवग्गणविसेसूणएगगुणहाणिमेत्तवग्गणविसेसाणमभावादो। ६०१. संपहि अहमवग्गणपमाणेण सव्वदव्वे अवहिरिजमाणे सादिरेयपंचरूवाहियदिवडगुणहाणिहाणंतरेण कालेण अवहिरिजदि। पढमवग्गणविक्खंभदिवडगुणहाणिआयदखेतम्मि अहमवग्गणविक्खंभदिवड्डगुणहाणिआयदखेत्ते अवणिदे उव्वरिदसत्तफालीसु सादिरेयपंचमवग्गणपमाणुप्पत्तीदो । छअट्टमवग्गणाओ ण उप्पज्जंति, वादालीसवग्गणविसेमणदिवडगुणहाणिमेत्तवग्गणविसेसाणमभावादो । सातवीं वर्गणाएं कुछ अधिक चार प्राप्त होती हैं। पूरी पाँच नहीं प्राप्त होती, क्योंकि तीस वर्गणा विशेष कम एक गुणहानिप्रमाण वर्गणाविशेषोंका अभाव है। विशेषार्थ-सातवीं वर्गणाके प्रमाण (४८८ = १२२४४) से समस्त द्रव्य ४९१५२ का अपहरण करने पर चार अधिक डेढ़ गुणहानि (९६+४= १०० ) से कुछ अधिक काल आता है। ४९१५२ = १००-८८ । डेढ़ गुणहानिप्रमाण लम्बे और प्रथम वर्गणाप्रमाण चौड़े क्षेत्रमें से डेढ़ गुणहानि लम्बे और छह वर्गणाविशेषप्रमाण चौड़े अथवा (१३४६=९) नौ गुणहानि वर्गणाविशेषप्रमाण क्षेत्रको अलग करने पर डेढ़ गुणहानि लम्बा और सातवीं वर्गणा प्रमाण चौड़ा (९६४४८८) क्षेत्र शेष रहता है। अलग किये हुए क्षेत्र (९४६४४४) में सातवीं वर्गणाएं कुछ अधिक चार प्राप्त होती हैं (९x ६४४४ = ४८८४४+८८४४)। पाँचवां अङ्क पूरा नहीं होता, क्योंकि तीस वर्गणाविशेष कम गुणहानिप्रमाण वर्गणाविशेषोंकी कमी है (५४४८८ - ९४६४४४ =३४४४=६४४४-३०४४), इसलिए सब द्रव्यको सातवीं वर्गणाके प्रमाणसे करने पर वह चार अधिक डेढ़ गुणहानिसे कुछ अधिक कालके द्वारा अपहृत होता है यह कहा है। ६.१. अब आठवीं वर्गणाके प्रमाणसे समस्त द्रव्यका अपहरण करने पर वह कुछ विशेष पाँच अधिक डेढ़ गुणहानि स्थानान्तर कालके द्वारा अपहृत होता है। प्रथम वर्गणाप्रमाण विस्तारवाले और डेढ़ गुणहानिप्रमाण आयामवाले क्षेत्रमेंसे आठवीं वर्गणाप्रमाण विस्तारवाले और डेढ़ गुणहानिप्रमाण आयामवाले क्षेत्रको अलग करने पर, शेष रही सात फालियोंमें आठवीं वर्गणा कुछ अधिक पाँच उत्पन्न होती हैं। आठवीं वर्गणा छह उत्पन्न नहीं होती, क्योंकि बियालीस वर्गणाविशेष कम डेढ़ गुणहानिप्रमाण वर्गणाविशेषोंका अभाव है। विशेषार्थ-आठवीं वर्गणा (४८४ = १२१४४) से समस्त द्रव्य ४९१५२ को अपहृत करने पर कुछ विशेष पाँच अधिक डेढ़ गुणहानि (९६-१-५ = १०१ से कुछ अधिक ) काल प्राप्त होता है ४९१५२ = १०१.६७ । डेढ़ गुणहानिप्रमाण लम्बे और आठवीं वर्गणाप्रमाण चौड़े क्षेत्रमेंसे डेढ़ गुणहानिप्रमाण लम्बे और आठवीं वर्गणाविशेषप्रमाण चौड़े क्षेत्रको अलग करने पर शेष रहे सात वर्गणाविशेषप्रमाण चौड़े और डेढ़ गुणहानिप्रमाण लम्बे क्षेत्र (९६४७४४) में आठवीं वर्गणा कुछ अधिक पाँच उत्पन्न होती हैं (९६४७४४ =५४४८४+६७४४)। छठा अङ्क पूरा नहीं होता, क्योंकि बियालीस वर्गणाविशेष कम डेढ़ गुणहानिप्रमाण वर्गणाविशेषोंकी कमी है (६४४८४ - ९६४७४४=५४४४ = ९६४४-४२४४), अतः सब द्रव्यको आठवीं ४६ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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