Book Title: Kahan Katha Mahan Katha
Author(s): Akhil Bansal
Publisher: Bahubali Prakashan

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Page 2
________________ दो शब्द __पूज्य श्री कानजी स्वामी की जन्म शताब्दी के अवसर पर बाहुबली प्रकाशन, जयपुर की ओर से प्रकाशित यह 'कहान कथा : महान कथा' प्रकाशित करते हुए हमें गौरव का अनुभव हो रहा है। पूज्य श्री कानजी स्वामी ने अध्यात्म का शंखनाद कर अनेक पामर लोगों को सद्मार्ग पर लगाया है। उनका यह उपकार हम कभी नहीं भुला सकते। इस चित्रकथा के माध्यम से उनके जीवन चरित्र को उजागर करने का प्रयास किया गया है, आशा है यह चित्रकथा आपको रोचक लगेगी। इसके पूर्व सर्वप्रथम इस प्रकाशन के माध्यम से 'कविवर बनारसीदास' चित्रकथा का प्रकाशन किया गया था जिसकी एक वर्ष में ही 5000 प्रतियाँ समाप्त हो गई। इससे ज्ञात होता है कि हमारा प्रयास विज्ञ पाठकों को पसन्द आया है। अब आगामी प्रकाशनों में आचार्य विद्यानन्द' एवं 'गोम्मटेश्वर बाहबली चित्रकथाओं को लेकर हम आपके समक्ष शीघ्र उपस्थित हो रहे हैं। बच्चों में धार्मिक संस्कार जागृत हों इसी भावना के साथ - अखिल बंसल Dikrant Patie मूल्य : पांच रुपए प्रथम सस्करण : 5200 JHALRAPATAN आलेख : अखिल बंसल - चित्रांकन : अनन्तकुशवाहा प्रकाशकबाहबली प्रकाशन लालकोठी जयपुर, 302015 मुद्रक : कुमार ब्रादर्स प्रिंटिग प्रेस, शाहदरा, दिल्ली

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