Book Title: KALP Barsa SOOTRA
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Deepratnasagar

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Page 7
________________ दशाश्रुत छेदसूत्र अन्तर्गत् “कल्पसूत्रं (बारसासूत्र) (मूलम्) .......... मूलं- सूत्र.[१] / गाथा.||-|| ........... मुनि दीपरत्नसागरेण संकलित......"कल्प(बारसा)सूत्रम्" मूलम् प्रत श्रेष्ठि-देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः-१६ श्रीदशाश्रुतस्कन्धे, श्रीपर्युषणाकल्पाख्यं खामिश्रीभद्रबाहुविरचितम् श्रीकल्पसूत्रम्.. सूत्रांक/ गाथांक [१] दीप अनुक्रम ॐ श्रीवर्धमानाय नमः॥ॐ॥ अर्ह ॥ नमो अरिहंताणं, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सबसाहूणं ॥ एसो पंचनमुक्कारो, सवपावप्पणासणो, मंगलाणं च सवेसि, पढ़म हवइ मंगलं॥१॥ तेणं कालेणं तेणं समएणं समणे भगवं महावीरे पंचहत्थुत्तरे हुत्था, तंजहा, हत्थुत्तराहिं चुए-चइत्ता गब्भं वक्कंते?, हत्थुत्तराहिं १ सूत्रद्वयमेतदीयं संख्यातम् मंगल-अर्थे नमस्कार-पठनं, ~6~

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