Book Title: Jinraj Bhakti Adarsh
Author(s): Danmal Shankardan Nahta
Publisher: Danmal Shankardan Nahta

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Page 6
________________ लेख भी “अष्ट प्रकारी पूजादि संग्रह' पुस्तक से हिन्दी भाषान्तर किया गया है। इन लेखोंको पुस्तकाकार प्रकाशन की व्यवस्था के लिये पूज्य मुनिवर्य श्रीप्रधानविजयजी ने मुझे सौंपा, एतदर्थ इसकी प्रेस कापी "श्रीश्वे. जैन प्रेस" को छापनेके लिये भेजी गई, लेकिन, उनके पास अधिक कार्य होने की वजह से उन्होंने प्रायः दो मास बाद वापिस लौटा दी, तत्पश्चात् और भी प्रेसवालों से इसकी व्यवस्था के लिये पत्र व्यवहार किया गया, लेकिन आखिर कार उनसे भी न जचने के कारण कई मास बाद कलकत्ते में मेरे भ्रातपुत्र भंवरलाल को छपाने को भेजनी पड़ी और इसीसे प्रिय पाठकों को यह पुस्तक अधिक समय के बाद देखने को मिल सकी है। मेरे लेख के अतिरिक्त उपरोक्त तीनों गुर्जर-लेखों का भाषान्तर बाबू हर्षचन्द्रजी बोथरा एवं बाबू सूर्य्यमलजी बोथरा ने जो कष्ट उठाकर किया है, इसलिये मैं उन्हें हार्दिक धन्यवाद दिये बिना किसी भी हालतमें नहीं रह सकता। इसका संशोधन मेरे भ्रातपुत्र भंवरलाल के यथायोग्य सम्पादन करनेके कारण उसका परिश्रम भी प्रशंसनीय है। मैं उन महाशयों का भी आभारी हूं कि जिनके लेखोंसे मुझे लेख लिखने में सहायता मिली है। मुनिवर्या श्रोप्रधानविजयजी के सदुपदेश से पुस्तक को निःशुल्क भेट रखनेके लिए जो आर्थिक साहाय्य श्रीमान नथमलजी भंवरलालजी रामपुरियाने प्रदान करने की कृपा को है उसके लिये मैं उन्हें हार्दिक धन्यवाद देते हुए आशा Jain Educationa International For Personal and Private Use Only www.jainelibrary.org

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