Book Title: Jinabhashita 2008 05 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 3
________________ रजि. नं. UPHIN/2006/16750 मई 2008 वर्ष 7, अङ्क5 मासिक जिनभाषित सम्पादक प्रो. रतनचन्द्र जैन अन्तस्तत्त्व पृष्ठ काव्य : सत्य पर आक्रमण आ.पृ.2 कार्यालय ए/2, मानसरोवर, शाहपुरा भोपाल-462 039 (म.प्र.) फोन नं. 0755-2424666 आ.पृ. 3 : आचार्य श्री विद्यासागर जी - मुनि श्री क्षमासागर जी की कविताएँ . सम्पादकीय : स्थापना के तीन साबुत चावल . प्रवचन • ब्रह्मचर्य चेतन का भोग : आचार्य श्री विद्यासागर जी .लेख • मधु (शहद) भी मांसवत् अभक्ष्य ही है : पं० अनन्तवल्ले शास्त्री • धर्ममाता चिरौंजाबाई जी का समाधिमरण सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द्र लुहाड़िया, मदनगंज किशनगढ़ पं. रतनलाल बैनाड़ा, आगरा डॉ. शीतलचन्द्र जैन, जयपुर डॉ. श्रेयांस कुमार जैन, बड़ौत -प्रो. वृषभ प्रसाद जैन, लखनऊ डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती', बुरहानपुर 5 क्षुल्लक श्री गणेशप्रसाद जी वर्णी शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरलाल पाटनी (मे. आर.के.मार्बल) किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश कुमार राणा, जयपुर प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, आगरा-282 002 (उ.प्र.) फोन : 0562-2851428,2852278 • संसार-परिभ्रमण का कारण : शल्यत्रय 17 : आर्यिका श्री सशीलमती जी • साहू श्री नेमिचन्द्र पं० कुन्दनलाल जैन 20 • साधर्मी-विवाह-सम्बन्ध आगमोक्त : डॉ० राजेन्द्रकुमार बंसल • सभी मंदिरों एवं तीर्थक्षेत्रों के ट्रस्टियों से विनम्र निवेदन : प्रा. सौ. लीलावती जैन श्री सेवायतन : विमलकुमार सेठी • बिस्किट और दिग्भ्रमित ग्राहक : अनुवादिका : सौ. लीलावती जैन .जिज्ञासा-समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा समाचार 12, 27,31, 32 सदस्यता शुल्क शिरोमणि संरक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक 5,000 रु. आजीवन 1100 रु. वार्षिक 150 रु. एक प्रति 15 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। लेखक के विचारों से सम्पादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। 'जिनभाषित' से सम्बन्धित समस्त विवादों के लिये न्यायक्षेत्र भोपाल ही मान्य होगा। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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