Book Title: Jinabhashita 2008 05
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

View full book text
Previous | Next

Page 36
________________ UPHIN/2006/16750 संस्कृति और संस्कारों की ओर बढ़ते चलें, आधुनिक शिक्षा के साथ श्री वर्णी दिगम्बर जैन गुरुकुल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय एवं छात्रावास पिसनहारी मढ़िया के सामने, जबलपुर -03 प्रवेश प्रारंभ छात्रों के लिए : कक्षा 6 वीं से 12 वीं, उच्च शिक्षण हेतु, सुरम्य वातावरण, धार्मिकता से परिपूर्ण, सभी वर्गों के लिए, संख्या सीमित है 1.6 एकड़ भूमि का विशाल प्रांगण 8. सरस शुद्ध सात्विक भोजन व्यवस्था 2. उच्चतम, स्वच्छ आवासीय व्यवस्था 9. आधुनिक कम्प्यूटर लैब 3. प्रातः कालीन योगाभ्यास क्रियाएँ। 10. उच्च संगीतज्ञों द्वारा संगीत शिक्षा 4.प्रत्येक कक्षा में सीमित छात्र संख्या 5. प्रशिक्षित एवं अनुभवी शिक्षकों द्वारा अध्यापन / 11. विशालतम प्रयोगशाला 6. धार्मिक क्रियाओं का समयानुसार प्रशिक्षण 12. वार्षिक उच्च प्राप्तांकों पर शासकीय 7. आधुनिक सुविधायुक्त अध्ययन कक्ष उच्चाधिकारियों द्वारा सम्मान सम्पर्क -ब्र.जिनेश जैन 0761-2672991, 2671828,9425984533,9200299320,9301338591 निवेदक- श्री वर्णी दिग. जैन गुरुकुल ट्रस्ट कमेटी एवं सदस्य गण स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, 210, जोन-1, एम.पी. नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं 1/205 प्रोफेसर कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित / संपादक : रतनचन्द्र जैन। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 34 35 36