Book Title: Jinabhashita 2002 03 Author(s): Ratanchand Jain Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra View full book textPage 2
________________ रजि. नं. UP/HIN/29933/24/1/2001-TC मार्च 2002 जिनभाषित मासिक वर्ष 1, अंङ्क 2 सम्पादक प्रो रतनचन्द्र जैन अन्तस्तत्त्व कार्यालय 137, आराधना नगर, भोपाल-462003 म.प्र. फोन नं. 0755-776666 . - सहयोगी सम्पादक पं. मूलचन्द लुहाड़िया पं रतनलाल बैनाड़ा डॉ. शीतलचन्द्र जैन डॉ. श्रेयांस कुमार जैन प्रो. वृषभ प्रसाद जैन डॉ. सुरेन्द्र जैन 'भारती' शिरोमणि संरक्षक श्री रतनलाल कँवरीलाल पाटनी (मे, आर.के मार्बल्स लि.) किशनगढ़ (राज.) श्री गणेश राणा, जयपुर आपके पत्र : धन्यवाद सम्पादकीय : पाठकों से निवेदन प्रवचन : ममकार और अहंकार ...आचार्य विद्यासागर जी लेख • मुनि श्री समतासागरकृत भक्तामर दोहानुवाद प्रो. रतनचन्द्र जैन व्रत : मानवजीवन की शोभा : प्राचार्य नरेन्द्रप्रकाश जैन . द्रव्यलिङ्ग और भावलिङ्ग : स्व. पं. लाल बहादुर शास्त्री 11: आहारदान की विसंगतियाँ : ब्र. महेश जैन आर्यिका नवधाभक्ति प्रकरण : पं. मूलचन्द लुहाड़िया सुगन्धाकरमस्ति सदा हि शास्त्रम्: वृषभ प्रसाद जैन 18 राष्ट्रपति पुरस्कार... : प्रो. राजाराम जैन पशु रक्षा : श्रीमती सुशीला पाटनी 24 . प्रश्न आस्था का : मणिक चन्द्र जैन पाटनी 25 जिज्ञासा-समाधान : पं. रतनलाल बैनाड़ा व्यंग्य : पड़ौसी पुराण : शिखरचन्द्र जैन बालवार्ता : विपत्ति में मित्र का... : डॉ. सुरेन्द्र 'भारती' द्रव्य-औदार्य श्री अशोक पाटनी (मे, आर के मार्बल्स लि.) किशनगढ़ (राज.) प्रकाशक सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कॉलोनी, आगरा-282002 (उ.प्र.) फोन : 0562-351428, 352278 कविताएँ 15 सदस्यता शुल्क शिरोमणि सरंक्षक 5,00,000 रु. परम संरक्षक 51,000 रु. संरक्षक 5,000 रु. आजीवन 500 रु. वार्षिक 100 रु. एक प्रति 10 रु. सदस्यता शुल्क प्रकाशक को भेजें। • ज्यों-ज्यों उमरें बढ़ने लगतीं : अशोक शर्मा • राजुल गीत .: श्रीपाल जैन दिवा' • चिन्ता नहीं चिन्तन करो : पं. लालचन्द्र जैन राकेश' 29 • जिन पर लिखा सहारों के घर : ऋषभ समैया 'जलज' • सही पुरुषार्थ : आचार्य विद्यासागरजी आवरण 3 • मोती : सरोज कुमार आवरण 3 समाचार 5,10, 17,23,31.32 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 ... 36