Book Title: Jinabhashita 2001 09
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 3
________________ विशेष समाचार अहिंसा प्रेमियों ने 5 ट्रक पशु । जहाँ पशु मेले में इन्हें बेचना था। पुलिस ने पाँचों ट्रकों के ड्राइवर क्लीनर सहित कुल 18 लोगों को बंदी बनाया है, जिनसे पूछताछ दयोदय तीर्थ पहुँचाये की जा रही है। इन लोगों ने तेन्दूखेड़ा में नागरिकों से कहा था कि सवा सौ गाय-बैलों में अधिकांश जवान : 4 ने दम ट्रकों में कचरा, खाद भरी है। दयोदय तीर्थ में गौशाला समिति के तोड़ा : 25 गम्भीर महामंत्री वीरेन्द्र जैन वीरू ने बताया कि सभी पशुओं का उपचार शुरू जबलपुर 6 सितम्बर) मूक पशुओं को ट्रकों में भरकर कत्लगाह कर दिया है। डॉ. अकलंक जैन के मुताबिक 4 पशु भोजन - पानी ले जाये जाने की एक खबर ने आज समीपी कस्बे, पाटन के बाशिन्दों के अभाव में मर गये हैं, जो 25 पश गंभीर रूप से बीमार और को व्यथित कर दिया। जैन समाज, शिवसेना, विश्व हिन्दू परिषद और जख्मी हैं, उन्हें ठीक होने में दो सप्ताह का समय लगेगा। डॉ. जैन बाहुबलि सेवा दल के नेतृत्व में हजारों अहिंसा प्रेमी पाटन से पैदल के मुताबिक यह समझ से परे है कि जवान गाय-बैल कत्लगाह क्यों और वाहनों में तेन्दूखेड़ा मार्ग पर रवाना हो गये, जहाँ से इन पशुओं ले जाये जा रहे थे? उन्होंने पशुओं पर अत्याचार करने वालों के को लाया जा रहा था। ललितपुर से बरघाट भेजे जा रहे पशुओं से खिलाफ कड़ी कार्यवाही की माँग की है। पाटन निवासी श्री एस.ओ. भरे ट्रकों को घेर लिया गया और बाद में इन्हें तिलवारा घाट स्थित | श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपिया | श्रीवास्तव के मुताबिक आरोपियों के खिलाफ कृषि पशु परिरक्षण दयोदय तीर्थ लाया गया। यहाँ पहुँचते-पहुँचते सवा सौ में से 4 पशुओं | अधिनियम 1959 के तहत कार्यवाही की जा रही है। ने जहाँ दम तोड़ दिया वहीं 25 गंभीर रूप से बीमार हैं। सौदागरों ने बछिया को पाँच ट्रकों में भरे सौ पशुओं में अधिकतर गायें और शेष बैल माँ से जुदा किया हैं। महत्त्वपूर्ण बात यह है कि दयोदय तीर्थ में इलाज कर रहे चिकित्सक डॉ. अकलंक जैन के मुताबिक इनमें से अधिकांश जवान हैं और सभी मूक पशुओं के सौदागरों ने एक बछिया को उसकी माँ से जुदा पशु 48 घंटों से भूखे प्यासे हैं। इन्हें स्वस्थ होने में कम-से-कम दो | कर दिया है। दयोदय पशु संवर्धन एवं पर्यावरण केन्द्र (गौशाला) सप्ताह लगेंगे। प्राप्त जानकारी के अनुसार तेन्दूखेड़ा निवासी सर्वेश तिलवाराघाट, पहुँचाये गए पशुओं में शामिल इस बछिया का दर्दभरा 'जैन ने पाँच ट्रकों में गाय-बैल भरे देखे, ये ट्रक जबलपुर की ओर | (भाना सुनकर साधु-साध्वी सभी परेशान हैं, लेकिन उनके तमाम जा रहे थे। उसे ऐसा लगा कि इन्हें कत्लखाने ले जाया जा रहा है। प्रयासों के बावजूद उसकी माँ का पता नहीं चल सका है। सर्वेश जैन ने दूरभाष पर यह जानकारी पाटन निवासी यशकुमार जैन ज्ञातव्य हो कि ललितपुर से बरघाट ले जाये जा रहे गाय-बैलों को दी और आगाह किया कि पशुओं पर दया की जायें, उन्हें दयोदय | को पाटन के युवाओं ने व्यापारियों से छुड़ाकर दयोदय तीर्थ पहुँचाया गौशाला पहुंचा दिया जाये। यश ने अपने एक मित्र रवीन्द्र जैन के था, लगभग सौ पशुओं में से 4 ने कल ही भूख-प्यास से तड़प साथ पाटन के प्रतिष्ठित लोगों तथा पुलिस को जानकारी दी और स्वयं कर दम तोड़ दिया था, वहीं दो दर्जन गम्भीर रूप से बीमार थे। कुछ मित्रों के साथ तेन्दूखेड़ा मार्ग पर रवाना हो गये। पाटन से दो गौशाला में बीमार पशुओं का इलाज देर रात तक जारी रहा। आज कि.मी. दूर गाड़ाघाट में ही पाँचों ट्रकों को रोक लिया गया। ड्राईवर सुबह से ही ब्रह्मचारिणी बहनों ने गाय-बैलों को कान में ‘णमोकार और क्लीनर विरोध पर उतारू हो गये। इसी बीच पाटन में खबर मंत्र' सुनाया और उनके जल्द स्वस्थ हो जाने के लिये प्रार्थना की। फैली तो जन-मानस उद्धेलित हो उठा। सैकड़ों युवक पैदल ही उल्लेखनीय है कि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पशु किसलिये तेन्दूखेड़ा मार्ग पर चल पड़े। देखते-ही-देखते पाँचों ट्रकों को घेर लिया ले जाये जा रहे थे। दयोदय तीर्थ में इन्हें इंजेक्शन लगाये गये और गया। दवायें दी गई, फिर भी 10 गायों की हालत गंभीर बनी हुई है। दयोदय प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक पाटन में जैन समाज के युवकों ने | ताथ तिलवारा सामात क वारन्द्र जन वारू ने बताया कि पशुआ में शिवसेना, विहिप और बाहुबलि सेवा दल के सदस्यों तथा पुलिस 59 गायें, 1 बछिया, 30 बैल तथा बछड़े-बछिया शामिल हैं। इलाज के सहयोग से ट्रकों को तिलवारा घाट स्थित गौशाला पहुँचाया। के दौरान 4 गायों के ऑपरेशन भी किये गये। जानवरों की देखरेख जानकार सूत्रों के मुताबिक ट्रक क्रमांक एम.पी. 15 जी-0172, डॉ. अश्विनी दीक्षित, डॉ. एन.के. जैन के अलावा कमलेश कक्का, एम.पी. 15 डी-3375, और एम.पी. 15 जी-273, एम.पी. 15 सतीश नेता, अशोक जैन, दिनेश जैन, राजीव बेटिया आदि कर रहे जी-220 और एम.पी. 15 डी-3945 में भरे गाय - बैलों में से | हैं। संभावना व्यक्त की जा रही है कि तीन दिनों में पशु स्वस्थ होने दो दर्जन आपस में भिड़कर बुरी तरह जख्मी हो गये। अनेक के सींग लगेंगे, पशुओं के इलाज में 15 हजार रूपये की राशि दवा पर खर्च टूट गये और कुछ को चोटें आ गयी। हालांकि यह भी कहा जा रहा | का जा चुका है है कि गाय - बैल उबरा (ग्वालियर) से बरघाट ले जाये जा रहे थे, । (दैनिक भास्कर, जबलपुर 8 सितम्बर 2001 से साभार) -सितम्बर 2001 जिनभाषित । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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