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दशलक्षण महापर्व पर 10 दिवसीय श्रावक
संस्कार शिविर का शुभारंभ
परमपूज्य मुनि पुंगव 108 श्री सधा सागर जी महाराज, क्षल्लक | सूत्र के अक़ के बाद दशलक्षण धर्म पर मनिश्री द्वारा नित्य प्रवचन 105 श्री गम्भीर सागर जी महाराज, क्षुल्लक 105 श्री धैर्य सागर | दिये जाते थे। मुनिश्री के सन्निध्य में यह दसवां संस्कार शिविर था। जी महाराज के सान्निध्य में टाटावाडी नसियां जी छोटा चौराहा. कोटा | मनिश्री ने शिविरार्थियों की भोजन व्यवस्था के लिये एक अनूठा (राजस्थान) में दशलक्षण महापर्व के अवसर पर 10 दिवसीय श्रावक कार्यक्रम दिया था, जिसके अंतर्गत पूरे कोटा शहर की उपनगरीय संस्कार शिविर का विधिवत् शुभारम्भ कलश स्थापना के साथ हुआ। कॉलोनियों में शिविरार्थियों का भोजन श्रावक बन्धुओं के घर पर शुद्ध कलश स्थापना गाजियाबाद निवासी श्री गुलशन राय, राजीव राय तरीके से तैयार किया जाता था व क्रम से शिविरार्थी समाज की जी द्वारा की गई, अखण्ड दीप ज्योति राजकुमार जी तलवण्डी द्वारा व्यवस्थाओं के अनुसार पाण्डाल से मुनिश्री के आदेशों की पालना प्रज्वलित की गई व झण्डारोहण चक्रवर्ती मनोहर गोटेवाला द्वारा किया | करते हुए मौन लेकर भोजन हेतु प्रस्थान करते थे व पुनः पाण्डाल गया।
में आकर ही अपना मौन व्रत छोड़ते थे। परमपूज्य मुनिपुंगव 108 श्री सुधासागर जी महाराज ने समाज दिनभर के व्यस्त कार्यक्रमों में दिन में 1.30 बजे परमपूज्य के अनुरोध पर इस शिविर को आशीर्वाद देकर स्वीकृति प्रदान की मुनिश्री द्वारा शिविरार्थियों का शंकासमाधान किया जाता था और थी. श्रावक संस्कार के संयोजक ऋषभ मोहिवाल, मुख्य संयोजक | 2.30 बजे से 4.00 बजे तक सम्यकत्वाचरण नामक ग्रंथ पढ़ाया हुकम काका, कार्याध्यक्ष श्री राजमल पाटोदी, महामंत्री श्री रमेश जैन जाता था, सायं 4.00 बजे से 4.30 बजे तक नैतिक शिक्षा की तिजारिया, महावीर मास्टर, महावीर कोठारी, राजमल जी सर्राफ सा. जानकारी तत्पश्चात् जलपान, सायं 5.30 बजे से प्रतिक्रमण, 6.15 व समाज के सभी श्रावक बन्धु शिविर को सफल बनाने में दिन- से गुरु भक्ति एवं आरती तत्पश्चात् शिविरार्थियों की मुनिश्री, क्षुल्लक रात जुटे रहे व आवास की व्यवस्था आयोजन स्थल से 6 कि.मी. श्री 105 धैर्यसागर जी महाराज व ब्रह्मचारी संजय भैया जी व अन्य दूर रावतभाटा रोड पर स्थित पटवार संघ परिसर में की गयी थी। ब्रह्मचारी भैयाओं के द्वारा अलग-अलग ग्रुपों में कक्षायें ली जाती थीं। वहाँ से शिविरार्थी प्रातः 3.50 बजे उठकर नित्य क्रियाकर्म से निवृत्त | इस तरह दिनभर के व्यस्त कार्यक्रमों के पश्चात् शिविरार्थी रात्रि विश्राम होकर प्रार्थना सभा में भाग लेते थे व ठीक प्रात: 5.15 पर दादावाड़ी | हेतु विश्राम स्थल पटवारसंघ के लिये प्रस्थान करते थे। इस संस्कार नसिया जी में ध्यान हेतु मुनिश्री के चरणों में उपस्थिति देते थे। । शिविर के विशेष पुण्यार्जक श्री गुलशन राय राजीव राय गाजियाबाद
ध्यान साधना मुनिपुगंव 108 श्री सुधासागर जी महाराज द्वारा निवासी, श्री राजकुमार जी तलवण्डी वाले, चक्रवती मनोहर गोटेवाले, कराई जाती थी तत्पश्चात् शिविरार्थियों के लिये अलग से तैयार भागचन्द जी सुरलाया कैथूनवाले, श्री राजमल जी विमल कुमार जी पाण्डाल में शिविरार्थियों द्वारा एक साथ पूजा अर्चना की जाती थी, भिण्डीवाले, बोद्धराज जी जैन दुगेरिया दादावाड़ी निवासी, तत्पश्चात् प्रवचन स्थल पर क्षुल्लक श्री धैर्य सागर जी व ब्रह्मचारी शान्तिलाल जी सुरेशचन्द्र जी हरसोरा, कन्हैयालाल पारस कुमार जी संजय भैया जी द्वारा तत्त्वार्थ सत्र के 10 अध्यायों का वाचन होता | व श्रीमती केसर बाई धनोप्या डाबी वाले थे। था तथा प्रत्येक अध्याय के समापन पर अर्घ चढ़ाया जाता था। तत्त्वार्थ
महेन्द्र कासलीवाल
प्रचार संयोजक, श्री दिगम्बर जैन धर्म प्रभावन समिति, कोटा 26 सितम्बर 2001 जिनभापित -
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