Book Title: Jinabhashita 2001 09
Author(s): Ratanchand Jain
Publisher: Sarvoday Jain Vidyapith Agra

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Page 36
________________ भगवान ऋषभदेव ग्रंथमाला सांगानेर वाले बाबा श्री आदिनाथजी हमारे यहां पर स्वयं के प्रकाशन के अतिरिक्त उपलब्धअन्य महत्वपूर्ण प्रकाशन वीर विद्या प्रकाशन, अहमदाबाद ज्ञानचन्द्रिका ग्रंथमाला, इन्दौर दि.जैन त्रिलोक शोथ संस्थान हस्तिनापुर गजेन्द्र पब्लिकेशन, दिल्ली जैन पुस्तक भवन, कलकत्ता भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली पीयूष भारती प्रकाशन जबलपुर पी. एस. जैन प्रकाशन गणेशवणी दि.जैन संस्थान परमश्नुत प्रभावक मण्डल रामचन्द्र आश्रम आगास अहमदाबाद प्रकाशन नसीराबाद प्रकाशन जैन साहित्य सदन दिल्ली वीर पुस्तक भण्डार जयपुर प्रकाशन भारतीय दि.जैन संघ मथुरा प्रकाशन श्री दि. जैन पुस्तकालय सूरत प्रकाशन सहजानन्द शास्त्रमाला, मेरठ प्रकाशन श्री शान्तिवीर नगर श्रीमहावीरजी प्रकाशन दि.जैन कुन्थुविजय ग्रंथमाला, जयपुर जबलपुर प्रकाशन श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर के शिरवरों का विहंगम दृश्य पूरे भारतवर्ष के सभी जैन प्रकाशकों के ग्रंथों के विक्रय की व्यवस्था करके पाठकों के सुविधार्थ यहां सकल जैन साहित्य उपलब्ध है। अतः आप अपनी संस्थाओं मन्दिरजी के पुस्तकालय हेतु एवं स्वपठनार्थ दिगम्बर जैन साहित्य को सशुल्क हमारे निम्रलिरिवत पते से सहजता से प्राप्त कर सकते हैं। इस ग्रंथमाला में अभी तक लगभग 125 ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं तथा भारतवर्षीय दिगम्बर जैन संस्थाओं से प्रकाशित 600 प्रकार के ग्रंथ विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध हैं। अनेक ग्रंथ विभिन्न संस्थाओं से पुरस्कृत भी हो चुके है। प्रकाशक भागवान ऋषभदेव ग्रंथमाला श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र मन्दिर संघीजी सांगानेर, जयपुर फोन : 730390,731952,732739 फैक्स : 0141-565634 स्वामी, प्रकाशक एवं मुद्रक : रतनलाल बैनाड़ा द्वारा एकलव्य ऑफसेट सहकारी मुद्रणालय संस्था मर्यादित, जोन-1, महाराणा प्रताप नगर, भोपाल (म.प्र.) से मुद्रित एवं सर्वोदय जैन विद्यापीठ 1/205, प्रोफेसर्स कालोनी, आगरा - 282002 (उ.प्र.) से प्रकाशित। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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