Book Title: Jainology Parichaya 05
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 29
________________ ३१) धर्मार्थकामानां युगपत् समवाये पूर्वः पूर्वो गरीयान् । अर्थ : धर्म, अर्थ और काम ये तीनों पुरुषार्थ अगर एक समय में उपस्थित हो तो क्रम से पूर्व-पूर्व का आश्रय लेना श्रेयस्कर है। भावार्थ : इस सूत्र में सोमदेव नैतिक मूल्यों का एक सामान्य क्रम बतलाते हैं । धर्मविषयक कार्य प्रथमता से करें । उसके बाद अर्थसाधक कार्य करें और कामनाओं की पूर्ति का आनन्द तीसरे क्रम पर ही रखें। ३२) काल-असहत्वे पुनः अर्थः एव । अर्थ : कालहरण के कारण अगर अर्थप्राप्ति में बाधा आ सकती है तो, इस विशिष्ट परिस्थिति में पहलेपहले अर्थार्जन ही करना चाहिए । भावार्थ : सोमदेव ने यद्यपि पूर्वसूत्र में धर्म-अर्थ-काम का, सामान्य क्रम बताया है तथापि इस सूत्र में अपवादरूप विशेष स्थिति का, अर्थशास्त्र की दृष्अि से वर्णन किया है । अगर हम धार्मिक क्रियाओं में व्यस्त रहने के कारण, अर्थोपार्जन का सुयोग्य अवसर खो दे तो, वह अवसर बार-बार नहीं आनेवाला है। धर्म के लिए कमाये और बाद में यथोचित अवसर पर, धर्म के हेतु उसका व्यय भी करे । * कामसमुद्देश में कुल १५ सूत्र हैं । गृहस्थ की दृष्टि से कामपुरुषार्थ का महत्त्व कहना, इस समुद्देश का तात्पर्य है । काम सेवन करनेवाले स्त्री-पुरुष को इन्द्रियों पर काबू रखने की आवश्यकता कही है । अर्थ की और अर्थशास्त्र के अध्ययन की महत्ता इस समद्देश में प्रतिपादित है ********** स्वाध्याय अ) वस्तुनिष्ठ प्रश्न १) सोमदेवकृत संस्कृत ग्रन्थ का नाम एवं काल लिखिए । २) भारतीय परम्परा में चार पुरुषार्थ कौनसे हैं ? ३) तत्त्वार्थाधिगमसूत्र' का पर्यायी नाम क्या है ? ४) नीतिवाक्यामृत ग्रन्थ कौनसे तीन पुरुषार्थों से सम्बन्धित हैं ? ५) प्रथम गाथा में किसको वन्दन किया है ? ६) सर्वश्रेष्ठ आचरण किसे कहा है ? (सूत्र ४) ७) त्रिविध पात्र कौनसे हैं ? (सूत्र ७) ८) सोमदेव ने 'तपकी कौनसी व्याख्या दी है ? (सूत्र ९) ९) कौनसी दो चीजों को, दैनन्दिन जीवनशैली का भाग बनाना चाहिए ? (सूत्र ११) १०) सिंह और हाथी का दृष्टान्त चार-पाँच वाक्यों में स्पष्ट कीजिए ? (सूत्र १४) ११) सामान्य गृहस्थ ने किस प्रकार सुख की प्राप्ति करनी चाहिए ? (सूत्र १६) १२) 'अर्थ' शब्द की सोमदेवकृत परिभाषा लिखिए । १३) सोमदेव तीर्थ' किसे कहते हैं ? (सूत्र १९) १४) 'काम' शब्द की सोमदेवकृत परिभाषा लिखिए । १५) 'समं वा त्रिवर्ग सेवत् ।' इस सूत्र का अर्थ लिखिए । (सूत्र २७) १६) प्रत्येक नागरिक ने अर्थशास्त्र का अध्ययन क्यों करना चाहिए ? (सूत्र २९) १७) अर्थप्राप्ति के अवसर का लाभ तत्काल क्यों उठाना चाहिए ? (सूत्र ३२)

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