Book Title: Jainology Parichaya 05
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 35
________________ जच्च झडप्प डगल डाल तुप्प दद्दर दाढिया देक्ख पोच्चड पुरुष शीघ्र (मराठी - झडप) ढेला (मराठी - ढेकूळ) शाखा, डाली घी (मराठी - तूप) दादर, सीढी दाढी देखना निःसार (मराठी - पोचट) पेट (मराठी - पोट) पोट्ट बैल बइल्ल बप्प बाउल्ल बिट्ट बाप, पिता गुड्डा (मराठी - बाहुला) पुत्र, बेटा रोटी घूस (मराठी - लाच) रोट्ट लंचा स्वाध्याय ___इस पाठ में तत्सम, तद्भव और देशी, ये शब्द प्रचुर मात्रा में दिये हैं । वे सब ध्यानपूर्वक अर्थसहित पढिए। १) परीक्षा में इन्हीं में से लगभग दस-बारह शब्दों का एक संग्रह दिया जायेगा । विद्यार्थी से अपेक्षित है कि वह उस शब्दसंग्रह का तत्सम, तद्भव और देशी शब्दों में वर्गीकरण करें । अथवा २) तत्सम, तद्भव और देश्य शब्दों के प्रत्येकी पाँच-पाँच उदाहरण लिखिए' । - इस प्रकार का प्रश्न भी आ सकता है । (गुण लगभग ४)

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