Book Title: Jainology Parichaya 05
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 34
________________ घम्म चक्क छोह जक्ख घर्म चक्र क्षोभ यक्ष पसीना चाक, पहिया गुस्सा यक्ष ध्यान दंश नाथ झाण ध्यान डस णाह नाथ त्रिदश देखा हुआ तियस दिट्ठ धम्मिअ पच्छा फंस धार्मिक पीछे स्पर्श बेर बोर धार्मिक पश्चात् स्पर्श बदर भार्या मेघ अरण्य लेश भारिया मेह रण शेष पत्नी मेघ, बादल अरण्य अंश बाकी हृदय होता है। पीता है। पूछता है। लेस सेस हियय हवइ पियइ/पिवइ पुच्छइ होहिइ हृदय भवति पिबति पृच्छति भविष्यति होगा। ३) देशी या देश्य शब्द : प्राकृत देशी शब्द इराव हिंदी अर्थ हाथी उंदुर ऊसअ कंदोट्ट कोड खिडक्किया गोस घढ चूहा (मराठी - उंदीर) उपधान, तकिया कमल कुतूहल (मराठी - कोड-कौतुक) खिडकी, झरोखा सुबह गढ, स्तूप अच्छा (मराठी - चांगला) कीचड (मराठी - चिखल) चूकना चुपडना, मलना (मराठी - चोपडणे) छूना (मराठी - शिवणे) छोकरा चंग चिक्खल्ल चुक्क चोप्पड छिव छोयर

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