Book Title: Jainology Parichaya 05
Author(s): Nalini Joshi
Publisher: Sanmati Tirth Prakashan Pune

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Page 51
________________ गच्छ गंतुं जाने के लिए हण हंतुं मारने के लिए, हनन करने के लिए - - नमूने के तौरपर वाक्य - १) सा जिणस्स पडिमं पासिउं देउलं पविट्ठा । अर्थ वह जिन की प्रतिमा देखने के लिए देवालय में प्रविष्ट हुई । २) वसंतसमए कोइलो महुरसरेण गाउं लग्गो . अर्थ : वसंतसमय में कोकिल मधुर स्वर से गाने लगा । ३) दव्वं भूमीए ठविडं बंभणो एगंते गओ । अर्थ: द्रव्य भूमि में रखने के लिए ब्राह्मण एकान्त स्थल में गया । ४) फलं भक्खि वाणरो रुक्खे आरूढो अर्थ : फल भक्षण करने के लिए वानर वृक्ष पर चढा । ५) उवएस सोउं सा मंदिरं गया । अर्थ : उपदेश सुनने के लिए वह मन्दिर गयी । ६) रावणं हंतु रामो लंकानगरं पविट्ठो । अर्थ : रावण को मारने के लिए राम लंकानगरी में प्रविष्ट ७) रयणाई विक्के धणेसरो हट्टे पत्तो । अर्थ : रत्न बिकने के लिए धनेश्वर बाजार में पहुँचा । ८) सो वि न सक्कड़ चोरं गिहिउं । अर्थ वह भी चोर को ग्रहण नहीं कर सका । स्वाध्याय मुख्य पाठ में एवं वाक्यों में निहित हेत्वर्थक धातुसाधित अव्ययों के मूल क्रियापद पहचानिए । क्रियारूपों से सिद्ध हेत्वर्थक धातुसाधित अव्ययों के अर्थ लिखिए। 'रूप पहचानिए इस प्रश्न में परीक्षा में हेत्वर्थक धातुसाधित अव्यय के रूप भी पूछे जाएँगे । वे इस प्रकार लिखने होंगे पासिउं धातु 'पास' हेत्वर्थक अव्यय - - - हंतुं धातु 'हण' हेत्वर्थक अव्यय गाइत्तए - धातु 'गा' - हेत्वर्थक अव्यय हुआ । ********** 51

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