Book Title: Jain Siddhant Kaumudi
Author(s): Sushilsuri
Publisher: Sushil Sahitya Prakashan Samiti

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Page 4
________________ साहित्य सम्राट् ।। नमामि सादरं लावण्य सूरीशं।। वन्दन हो गुरु चरणे शासन सम्राट् ।। नमामि सादरं नेमि सूरीशं ।। उज्वल भविष्य सुमधुर प्रवचनकार जीर्णोद्धार प्रेरक ।। नमामि सादरं जिनोत्तम सूरीशं ।। संयम सम्राट् ।। नमामि सादरं दक्ष सूरीशं । गौरवशाली वर्तमान प्रतिष्ठा शिरोमणि गच्छाधिपति राजस्थान दीपक ।। नमामि सादरं सुशील सूरीशं । ।

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