Book Title: Jain Shravikao ka Bruhad Itihas
Author(s): Pratibhashreeji
Publisher: Prachya Vidyapith Shajapur

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Page 4
________________ जैन श्राविकाओं का बृहद इतिहास • जैन विश्व भारती विश्वविद्यालय द्वारा पीएच. डी. उपाधि हेतु स्वीकृत शोध प्रबन्ध • जैन श्राविकाओं का बृहद् इतिहास ( आदिकाल से वर्तमान युग तक ) सहस्रों जैन श्राविकाओं के अवदान का अंकन करने वाला दुर्लभ ऐतिहासिक शोध ग्रन्थ • शुभाशीर्वाद : पंजाब प्रवर्तिनी महासाध्वी पू. श्री केसरदेवीजी म.सा. अध्यात्म - योगिनी महाश्रमणी पू. श्री कौशल्यादेवीजी म.सा. जैन इतिहास चन्द्रिका पू. महासाध्वी डॉ. श्री विजय श्री जी म.सा. "आर्या” • लेखिका एवं सम्पादिका: साध्वी डॉ. प्रतिभाश्रीजी " प्राची" • मार्गदर्शक : डॉ सागरमलजी जैन • प्रकाशक : (१) सिविल लाईन स्थानक वासी जैन संघ, लुधियाना (पंजाब) प्राध्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड, शाजापुर (म. प्र. ) • प्राप्ति स्थल : (१) आरती समाधिया, १४/३, फोर्थ क्लास, लक्ष्मी रोड़, शांतिनगर, बैंगलोर - ५६००२७ मो. ६४४८४ -७८२२३ अशोक जैन, शीतल छाया, ५५६/२, आत्म मार्ग, सिविल लाईन्स, लुधियाना (पंजाब) मो. ६८७२६ - ५६५०६ दिलीप जैन, ३६७३/७४, मेन बाजार, दिल्ली- ११०००६ मो. ९८११२-०५५४५ सी.बी. गांधी, घनश्री अर्पाटमेन्ट, १२४४/४५, आप्टे रोड़, आप्टे सभार्गह के पास, डेक्कन जीम खाना, पुणे - ४११००४ मो. ९८८११ - २३५०१ (५) प्राच्य विद्यापीठ, दुपाड़ा रोड, शाजापुर (म.प्र.) ४५६००१ दूरभाष : ०७३६४-२२२२१८ • प्रसंग : साध्वी डॉ. प्रतिभाश्रीजी म.सा. "प्राची" की दीक्षा - रजत जयन्ती वर्ष अक्षय तृतीया सन् २०१० • प्रथम संस्करण ई. २०१० वीर निर्वाण संवत् २५३६ विक्रम संवत् २०६७ • मूल्य: ५५०/ • मुद्रक : आकृति ऑफसेट ५, नईपेठ, उज्जैन (म. प्र. ) दूरभाष : ०७३४-२५६१७२० मोबाइल : ६६३००- ७७७८०, ६८६३०-७७७८३ Jain Education International भूल-सुधार ' C प्रस्तुत ग्रन्थ में तकनीकि कारणों से ऋ की मात्रा नहीं आ सकी है अतः मृगावती के स्थान पर मगावती एवं इसी प्रकार अन्य भूलें भी रह गई है कृपया पाठक सुधार कर पढे । भूल के लिए हम क्षमाप्रार्थी है। For Private & Personal Use Only - सम्पादक www.jainelibrary.org

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