Book Title: Jain Ramayana
Author(s): Krushnalal Varma
Publisher: Granthbhandar Mumbai

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Page 21
________________ (२१) مہ ११९ १२२ س س गर्भवती अंजनाका सासु केतुमतीके द्वारा तिरस्कार पिताके घरसे भी अंजनाका तिरस्कार अंजनाका पूर्वभव अंजनाका अपने मामाके साथ जाना .... अंजनाकी शोधके लिए पवनंजयका प्रयाण • पवनंजय और अंजनाका संमेलन हनुमानका वरुणको हराना चौथा सर्ग। १२७ س १३० १३२ س س १४६ ( रामलक्ष्मणकी उत्पत्ति, विवाह और वनवास ) वज्रबाहुका दीक्षाग्रहण करना . १४१ कीर्तिधर राजाका दीक्षा लेना १४५, सुकोशल राजाका दीक्षा ग्रहण करना ..... कीर्तिधर और सुकोशल मुनिका मोक्ष-गमन ... १४८ नघुष राजाका सिंहिकाको त्यागना, पुनः ग्रहण करना राजा सोदासका परम श्रावक बनना .... दशरथ राजाका जन्म, राज्य और ब्याह कैकेयीका स्वयंवर और उसके साथ दशरथका ब्याह राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्नका जन्म सीता और भामंडलका पूर्वभव और जन्म, रामका जनककी मददको जाना, सीताके साथ रामका संबंध निश्चय होना .... १७३ . o orm o or co 6 0 0 cm w or w m

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