Book Title: Jain Pustak Prashasti Sangraha 1
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 198
________________ ३. परिशिष्टम् । लिखितपुस्तकोपलब्ध-लिपिकारनाम्नामकाराद्यानुक्रमिकसूचिः । १०६ १२१ १३३ ११५,१५१ १०७ १२३ १२९ ११२ १५२ १४६ १०१ लिन५५ १३२ १०० ४४,४५ १४४ १३५ ११८ AG - १०२ १११ १२५ अजयसिंह अभयकलस अमरचन्द्र अमल अरसींह अरिसीह आणंद आल्हाक आशादित्य [द्विज] आसा उमता [व्यास] कमलचन्द्र कीर्तिचिन्द्र गणि खीवड खेता [कायस्थ] खेमसिंह गुणभद् चन्दन चाहड जयतसीह [कायस्थ ] जल्हण जसदेव जिनभद्र जोगेश्वर ठाकुरसीह देवराज देवप्रसाद देवशर्मा धनचन्द्र [पं०] धनपाल धर्म धवल धारादित्य नरदेव १२५ मलयचन्द्र १३६ नागशर्मा ४३,४७ | यशोवीर १३७ ,, [त्रिपाठी] __७० रतनसीह ११४ नेमिकुमार [प्राग्वाट] १ रन [मं०] ११८ पचाक १४३,१४६ राजड [.] पद्मचन्द्र ११६,१३१ राणक ९७ पल्हण राम ११० पासणाग ११० लक्ष्मण ४१ पासदेव १०९ लक्ष्मीधर ६६ बंदिराज १०४ लखमसीह बिल्हण १०४ लावण्यसिंह [ब्राह्मण] ब्रह्मचन्द्र गणि लिम्बदेव भादाक १४२ लिहवेह ११७ भीम [कायस्थ ] लींबाक भुवनकीर्ति ११५ लुणाक भुवनचन्द्र लूणदेव मणिभद्यति १०२ वणचंद्र मदनसिंह १०७ वयजल ११६,१२० वरनाग गणि १२१ महादेव ११२ | वल्लिग [कायस्थ] महिलण १२० वामुक महीपाक १३८,१३९ विक्रमसिंह माढल [नैगमान्वय कायस्थ पं०] १०५ विमलचन्द्र माणिक क्षुल्लक १०३ विल्हण माधव १३१ वीरचन्द्र मालाक [कायस्थ ] ८२,१४० वीरतिलक १०४ मुणिचन्द्र १०४ वीरम १५,९९,१०८ मुनिचन्द्र १०१,११३ वीशल [पारि०] मुंजाल [पं०] २५,१११,११४ वोसरि २५,११८ | मूंजाल १०६ शीलचन्द्र १२७ मूंध . १२४ शीलभद् १३६ मेधाक १५१ श्रीधर १०५ मोखदेव ६५ सहजिग १०५ यक्षदेव १०१ सागर १७ यशोधर १०५,१०६ साजण . १२५/ यशोधवल १५१ सामंतसिंह १५२ १२३ १०६ १०३ १२७,१२८ १५२ १२६ 16. १३८ १२५ १२४ ७४,११३,११४ २४,११३ ११८ १२६ १०२ १०५ १३५ ११२ नाग.. २१ जै० पु. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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