Book Title: Jain Pustak Prashasti Sangraha 1
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 207
________________ १७० उज्वल उजिल उदयपाल उदयराज उदयसिंह उदा उदाक उधरण उदर उद्धरण उसभ ऊदल ऊदा ऊदी ऊधिक शोकाक कटुक कटुकराज कडुदेवी कडया-अडुआ सिंह कटुवाक कपर्दि कपूरदेवी कमलश्री कर्पूर कर्पूरदेवी कर्पूरी कर्मण कर्म सिरि कर्मादेवी कर्मणि कर्मा कल्हण कस्मीरी कंचन ऊ Jain Education International ओ क काम ५१ कामलदे ५२ कामलदेवी ५८ कामी ५०,१४५ १४६ ला ८२,१३९ काडिया जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह - ९. परिशिष्ट १९ १४८ ९४ | कालुक ९८ का ७५ v ३८,७० १३३ ३९ ७७ ११ १५ कांबलदेविका २२ कान्ह कांऊ ४२,५६,७२,१० किरता किसा कीर्त्तिश्री कीर्त्तिसिंह कल्हणदेवी कुमरसिंह (हक) ६७ कुमारसिंह कुमारदेवी - कुमरदेवी २०,२१ कुमारि कुमरी १२,१११ कुमारपाल सूप [ सुभावक ] ७९ कुमारपाल ७९ कुरा ४३,४४,८३ कुर्मदेवी २७ कु ६९,१५१ कुलधर कर्मसिंह ३८,३९,४९,११५, १३१,१४८ केलु कर्माक ८० केल्हण १३३ केल्हा २६,६८,७७०४ केव्हा १४,३९|कूंरपाल ५५ कुलसाधु- कुलचन्द्र ३१,८६ | कुंरदेवी - कुमरदेवी ९८ कुम्बरसीह [ महं ] २७,४२,९७ कुंवारक ४७,७३,१४८ कृष्ण ६९ ला ३९ के ५९ कोल्ही ३८ क्षेमसिंह ४९ समंधर खयरा ७३ खदिर " ८० | खांखण (पांषण) ४४,७७,१३७ खीमराज ८६ श्रीमसिंह ८० खीमाक ७७ श्री (पी) देवी ७२,७३ | खीम्बड ९४ खींबण ९० खीम्बाक १३७ खूढा १३१ |खे (पेढ ५७ वेढा १४ खेतसिंह ७८ खेता १३,९१ ताक ३६,३७,५७,११०, खेतुका ११८,११९,१२०,१३४, १५० खेत् ८४ खेत्र २३,५७,६०, ७७ खोखल (पोपल) ६४,९० || खोखा (घोषा ) खोखी १६,२७,३२,४२,८९, खोपो ताक १३२,१३७ ८ १४१ गउरदे गरदेवी २,१०,१३,१६,६८,९०, ९६ ८६,८८,८९, ११०, १२५ गउरि - गउरी गजसिंह ९० गजसुत ६० गजा १२५ गणदेव १२७] गणहर १३७ |गणियाक १९,६२,९४ गाक १३१ गंगादेवी ८६ गंधिक ११,२१ गागलदेवि For Private & Personal Use Only ४९ गागी ८० मांगदेव ६५ गांगा - १५ गांगाक ५८, ७९, ८३, ८५, ८६, १३४ गांगिल १३७ गांगी ख ११ ३९ ४३ ४२, १३७ १३२ ३३ ८९, १५१ १६ ३७ ८६ ३३ ६८ ४३, ६४, ११६, १३२,१३३ ४७ ३९,१२९ ३५ १८,३३,४०,६४,८८, ९०, ६४ १३७ १४० ૬૪ ग १८ २१ ४४ ९८ ६०,७९,८०,१२९ ८५ ११९ ४९ ९५ ३६ २८ ८० ४४,५० १२४ ७४ ९ १५ ८१ ३१ १०३ १६ www.jainelibrary.org

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