Book Title: Jain Pustak Prashasti Sangraha 1
Author(s): Jinvijay
Publisher: Singhi Jain Shastra Shiksha Pith Mumbai

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Page 211
________________ १७४ जैनपुस्तकप्रशस्तिसंग्रह-९. परिशिष्ट ४० ११५ | पेसल १६ पोढक १०९ पोयणी पोहणी प्रतापदेवी १८,५० प्रतापमल्ल ६१,६२ २३ प्रतापसिंह १०,१३ ७०,९८ प्रथम प्रथिमसिंह १६,१८ प्रद्युम्न २१,५४,६५,६६,८७,१०१ ३ प्रल्हाद-प्राल्हाद प्रल्हादन १२,१८,८४,८८ ५३,५४ प्रादू २८ ४२,७९ प्रियमति ११५ प्रीमलादेवी-प्रीमलदेवी १३,४२,४४ ११५ ६२,७० ११५ २३ २१ प्रीमति ९१ फदकू ४२,७७,९५,१०९,१३६ फेरुक [क्षात्रवंश] ४२ पात् पदमी २३,२९ पाहणसिंह ३९,४२,६२,६४,६७,८६,९० पाहला पद्मक ८१ पाहिणि पद्मदेव १०,७९ पांगुर पद्मल पांचा पद्मला १३,६४,९० पांचू पद्मश्री १५,२६,३१,७६,८९ पद्मसिंह १२,१४,३५,४६,५९,८२,९२ पुण्यपाल पद्माकर पुण्यमति पद्मावती पुण्यश्री पनी पुत्रिणी पमा पुहणीदेवी पल्हण ११० पुंडरीक पवहणि पूजी पाजड पूणाक पाजूका पूनड पात पूनमति पाता-पाताक ४३,४९ | पूनसिरि पाताल पूना पाती | पूनाक पातुक पूनावि १८,६९ पूनाहि पारस १४० पूनी पार्श्व ५४,८०,८७,८९,१३७ पूरी पार्श्वकुमार पार्श्वचन्द्र १६,८० पूर्णचंद्र पार्श्वदेव २६,६४ पूर्णदेव पार्श्वनाग १०,११,२३ पूर्णदेवी पार्श्वभट ७७ पूर्णपाल पालू ९० पूर्णमति पाल्हण २५,२६,२७,६४,९७ पूर्णसिंह पाल्हणदेवी-पाल्हणादेवी १६,४२, पूर्णा पूर्णादेवी. पाल्हणसिंह पूर्णिका .. पाहुका पासचन्द्र ७६ | पूर्णी पासड. ६४,६९,७२,७६,७७,८६ | पृथिमसिंह पार्श्वभट पृथ्वीदेवी पासणाग पृथ्वीभट पासदेव ३३,११०,१२३,१२४ पृथ्वीसिंह पासवीर पेथड पासिल. २३ पेथा पेथाक ६४ | पेथुका बउला ३९,५८,९४ बकल बकुलदेवी पूर्ण बडू ६० | पूर्णिनी १५,५९ बनुलू १६,६४,८३ बलिराज १४५,१४६ | बहुदा-बदुदाक १५,६४ | बहुदेव ३५,५५,८०,८८,८९ बादू-बादूक १५,१६ १३,२२,११८ बाबी ५२ बालचन्द्र ८९,९० बालप्रसाद बालमति १०३ बाला ५१ बासल | बाहड ७,१६,७७,९३,११६,१३२,१३४ २७ बाहडी १३२ १८ बांबा १२ बीज २८,१९,५५,६७,८० बीजड ६४,१४१ ६२ बीजाक ८. बील्हण - १३,२७ बूटडि . २९,३१ १६ १८ , ४२ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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