Book Title: Jain Maru Gurjar Kavi Aur Unki Rachnaye
Author(s): Agarchand Nahta,
Publisher: Abhay Jain Granthalay
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५७ अज्ञात
४५
५८
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५६ जिनपद्मसूरि ६० अज्ञात
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६२
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४८
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६५ धर्मसूरि ६६ अज्ञात
६७ श्री वीर जिन कलश ६८ सर्व जिन कलश ६६ श्री शत्रुञ्जय चतुर्विशति स्तवनम् ७० श्री स्थूलिभद्र बोली ७१ माल उघटणं ७२ आशातना षटपद ७३ शासनदेवता गीत पदानि ७४ ज्ञान छप्पय ७५ श्री समेत शिखर तीर्थ नमस्कार ७६ सम्मेत शिखर गीत ७७ श्री शत्रुञ्जय चैत्य परिवाड़ी ७८ श्री शत्रुजय महातीर्थ गीतम् ७६ स्थलिभद्र गीतम् ८० श्री सुरसण महारिषि गीतम् ८१ श्री स्थलिभद्र गीतम् । ८२ श्री वयरस्वामि गीतम् ८३ मधु बिन्दु गीतपद ८४ श्री सीमंधर स्वामि स्तवनम् ८५ गिरनार तीर्थ स्तवनम्
६८
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७०
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७१
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७४ शांतिसूरि ७५ अज्ञात
७६
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७७ मंत्री धारिसिंह ७८ देवचन्द्र सूरि ७६ अज्ञात
८७ श्री नेमिनाथ धुल ८८ रावण पार्श्वनाथ वीनती ८६ जिनस्तवन ६० साऊका पार्श्वनाथ स्तवनम् ९१ कोका पार्श्वनाथ स्तवनम् ६२ महुरा पार्श्वनाथ जिन विज्ञप्ति
८०
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