Book Title: Jain Katha Ratna Kosh Part 04
Author(s): Bhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publisher: Shravak Bhimsinh Manek

View full book text
Previous | Next

Page 3
________________ ४ Adamam .ME Sat RAMER PANKRANUARANDRA srcE NEdi S R जैनफेरित्नकोष नाग चोथो. आ पुस्तकमां श्रीश्रावक प्रतिकारण मु अ या बंदिता सूत्र अपर नास या ग्रंय मून तया बाताबोध अने कन्या अदित दारया कोनो ने. Amandane - - - समस्त श्रावकादि गणने अवश्य भणवा तथा वां चवाना उपयोगमां आववा योग्य जाणीने श्रावक, नीमा मत मागक श्रीमोहमयी पत्तन मध्ये नियामागस नामक मुद्रायंत्रमा मदि। कराया . - आ पुस्तकने छपाववा संबंधि सर्व प्रकारनो हक सरकारनी कायदा प्रमाणे छपावनारे पोताने स्वाधीन राख्यो छे. - -

Loading...

Page Navigation
1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 ... 477