Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 185
________________ घनपरिमण्डल घनवत्त अन्य क्षेत्र आकृतियाँ / हस्तदंत क्षेत्र यवाकार क्षेत्र मुरजाकार क्षेत्र 5वज्राकार क्षेत्र पणवाकार क्षेत्र चित्र क्र. 104 त्रिज्या, व्यास और क्षेत्रफल त्रिज्या (Radius) विष्कंभार्ध-वर्तुल के मध्यबिंदु से परिध को जोड़ने वाली सीधी रेखा को त्रिज्या | कहते है। त्रिज्या व्यास से आधी होती है। व्यास (Diameter) विष्कंभ-वर्तुल के मध्यबिंदु में से होती हुई परिध के दोनो छोरों को जोड़ती सीधी रेखा को व्यास कहते है, यह त्रिज्या से दुगुना होता है। क्षेत्रफल-अमुक माप के समचौरसखंड अथवा वृत्तक्षेत्र के योजन प्रमाण समचौरस विभाग को क्षेत्रफल कहते हैं। (चित्र क्रमांक 105) क्षत्रफल त्रिज्या व्यास चित्र क्र. 105 सचित्र जैन गणितानुयोग VASAY 163

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