Book Title: Jain Ganitanuyog
Author(s): Vijayshree Sadhvi
Publisher: Vijayshree Sadhvi

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Page 196
________________ पहले पृथ्वी के मुख्य खंड परस्पर जुड़े हुए थे। यूरोप-अफ्रिका की पश्चिम ओर की समुद्र रेखा, उत्तर-दक्षिण अमरीका की पूर्व तरफ की समुद्र रेखा बराबर में है तथा हिंद महासागर की द्वीप-समूहों की कड़ी एशिया और आस्ट्रेलिया के साथ जुड़ती दिखाई देती है। अभी नहर खोदकर अफ्रिका को एशिया-यूरोप के भूमिखंड से और उत्तर अमरीका को दक्षिण अमरीका से पृथक् किया गया है। इन भूमिखंडो का आकार, प्रमाण और स्थिति परस्पर भिन्न-भिन्न है। / भारतीय जन्तु विद्या समिति (जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया) के पूर्व डॉयरेक्टर डॉ. बी. एन. चौपड़ा को वाराणासी के कुओं में आदिम युग के कीड़े का पता चला, जिसके पुरखे करीब दस करोड़ वर्ष पहले पृथ्वी पर वास करते थे। वह कीड़ा एक प्रकार के झींगे (कैंकड़े) की शक्ल का है। यह शीशे के समान पारदर्शी है। इसके 100 पैर हैं। यह कीड़ा आकार में बहुत छोटा है। भू-मण्डल-निर्माण के इतिहास में करीब 10 करोड़ वर्ष पूर्व (मेसोजोइक) काल में यह कीड़ा पृथ्वी पर पाया जाता था। अभी तक इस किस्म के कीड़े केवल आस्ट्रेलिया, टेसमिनिया, न्यूजीलैण्ड और दक्षिण अफ्रीका में देखे जाते हैं। इस कीड़े के भारत वर्ष में प्राप्त होने से भू-विज्ञानवेत्ताओं का यह अनुमान है कि अत्यन्त पुरातन काल में एक समय भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रिका, अमेरिका, टैसमिनिया, न्यूजीलैण्ड और एशिया का दक्षिण भाग एक साथ मिले हुए थे। एशिया खंड में भारतवर्ष-भारतवर्ष एशिया खंड के दक्षिण-पूर्व (आग्नेय कोण) का भाग है। यह त्रिकोणाकार है। दक्षिण ओर का कोण लंका द्वीप के पास तक गया है, वहाँ से भारत की सीमा उत्तर की ओर पूर्व-पश्चिम दिशा में विस्तृत होती गई है और हिमालय पर्वत की श्रेणियों के ऊपर जाकर पूर्ण होती है। भारत का पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण विस्तार लगभग दो-दो हजार मील का है। इसके उत्तर में हिमालय पर्वत है, मध्य में विन्ध्य और सातपुड़ा की पर्वतमालाएँ हैं तथा दक्षिण के पूर्व व पश्चिम समुद्र किनारे पर पूर्व घाट ओर पश्चिम घाट की पर्वतश्रेणियाँ फैली हुई हैं। भारतवर्ष की मुख्य नदियाँ- भारतवर्ष की मुख्य नदियों में हिमालय के मध्यभाग से निकलकर पूर्वी समुद्र में मिलती ब्रह्मपुत्रा और गंगा नदी है। इसकी सहायक नदियों में यमुना, चंबल, बेतवा व सोन नदी है। हिमालय से निकलकर पश्चिम के समुद्र में मिलने वाली सिंधु नदी और इसकी सहायक नदियाँ झेलम, चिनाब, रावी, व्यास और सतलुज है। गंगा और सिंधु की लम्बाई लगभग 1500 मील की है। भारत के मध्य विंध्य और सतपुड़ा के बीच पूर्व से पश्चिम तरफ समुद्र तक बहने वाली नर्मदा नदी है। सतपुड़ा के दक्षिण में तापी नदी है। दक्षिण भारत की गोदावरी, कृष्णा, कावेरी आदि नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर प्रवाहित होती हैं। (चित्र क्रमांक 109) भारत के उत्तर में सिंधु से गंगा के किनारे तक आर्यजाति तथा सतपुड़ा से दूर दक्षिण में द्रविड़ जाति तथा पहाड़ी प्रदेशों में गोंड, भील, कोल और किरात आदि आदिवासी जाति के लोग रहते हैं। 174 सचित्र जैन गणितानुयोग

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