Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 859
________________ ७६५ वर्ण श्वेताम्बर सन्दर्भ-ग्रंथ दिगम्बर संदर्भ-ग्रंथ क्र.सं. तीर्थकर नाम प्रवचन०द्वार हरिवश | तिलोय सत्त० द्वा. ४६ प्राव० नि० पुरागा | पण्णत्ती उत्तर पुराण १ ऋषभदेव सुवर्ण तपे सोने की तपे मोने की तपे सोने तरह गोर' तरह गौर की तरह वर्ण वर्ण गौर वर्ण सुवर्ण के स्वर्ण के समान पीत समान २ अजितनाथ सुवर्ण के समान पीत " " , , ३ संभवनाथ ४ अभिनन्दन " . , .... , , . चन्द्रमा के समान ५ मुमतिनाथ ६ पद्मप्रभ लाल ला ७ सुपार्श्वनाथ तपे सोने की तरह गौर वणं ८ चंद्रप्रभ गौर श्वेत & सुविधिनाथ " " तपाये स्वर्ण के समान लाल लाल लाल वर्ण मूगे के समान लाल कमल रक्त वर्ण के समान तपे सोने की तपे हुए सोने हरित वर्ण हरित वर्ण . चन्द्रमा के तरह गौर की तरह समान वर्ण गौर वर्ण गौर श्वेत चंद्र गौर गौर श्वेत कुन्द पुष्प चन्द्र गौर .., चंद्र गौर शंख के - समान तपे सोने की तपे हुए सोने सुवर्ण सुवर्ण के सुवर्ण के तरह गौर की तरह समान पीत समान । वर्ण गौर वर्ण " " " " " " सुवर्ण के समान लाल लाल लाल वर्ण मूगे के समान कुकुम के रक्त वर्ण के समान तपे सोने की तपे हुए सोने सुवर्ण सुवर्ण के सुवर्ण के तरह गौर की तरह समान पीत समान वर्ण गौर वर्ण १० शीतलनाथ तपे सोने की तरह गौर वर्ण " , ११ श्रेयांसनाथ १२ वासुपूज्य लाल १३ विमलनाथ तपे सोने की तरह गौर वर्ण Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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