Book Title: Jain Dharma ka Maulik Itihas Part 1
Author(s): Hastimal Maharaj
Publisher: Jain Itihas Samiti Jaipur

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Page 922
________________ ८५८ धन्या- ६२४ श्रम्मिल - ६६७ घर - १६६, १६७, ३६१ घररण-- ३३०, ४२५, ४३४, घरणेन्द्र - ४६, ४५६, ४६१, ४६२, ५२४ धर्मघोष - ११, २१५, २४६, ४२६, धर्मनाथ - २२७, २२६, २३३, २३४ धर्मभृत - ४३२ धर्म सारण- ७, ८ धर्मसिंह, २२८ धर्मसेन - २६ धर्मानन्द कौशाम्बी - ४२६, ४६७, ५०० ७६६ धारिणी - १३, २४६, ४२५, ७०२, ७०३, ७४४ घी - ५१६ ध्रुव- २६ धृतराष्ट्र-३५६ धृतिघर - ६३३ घेनुसेन - ५२७ (न) नइरसेरणा - ५२१ नकुल- ३५४, ४२७ नगराज मुनि - ७७१, ७७७ नगेन्द्रनाथ बसु - ४२६ नचिकेता - ५०४ नन्द - २६, २१२, २८५, ३४२, ५४१, ५८७ ६८९ नन्दन - ७४, ५३८, ५४१, ६२५, ६३३ नन्दमती - ६२६ नन्दमित्र - २८५ नन्दवच्छ-७३० नन्दा - ४५२, ४६३, ६०६, ६२६, ६१८, ७४०, ७६२ नन्दिनी - ५०१ नन्दिवर्धन- ५६७, ५६६, ७४२, ७८२ नन्दिषेरण - ५६३, ६१८, ६१६, ६२६, ७४१ Jain Education International नन्दी - ७५ नन्दीमित्र - ७५ नन्दीषेरण - ३३०, ३३१ नन्दोत्तरा- ६२६ }-re नमि. नमिनाथ नमिया - ५२१ नमि राजर्षि - ३०६, ३६७ नमि राजा ४६६ नमूची - ४५६, ४६१, ४६२ नयसार - ३४१, ५३६, ५४०, ५४१ नरगिरी - ३१७ नरदेव - ३० नरवर्मा - ४८३ -४६, ७५, ३०७, ३०६ नरवाहन - ६८६ नरोत्तम - २६ नलकूबर- ३८३ नवमिया - ५२२ नहषेण - ३१८ नाग-७५१ नागजित - ५०७ नागदत्त-- ३० नागदत्ता शिविका - २२८ नागबल-- ४६६ नागराज - ४६६, ४६७ नागसेन - ५८४ नागाति -५०७ नागिल - ६८५ नाट्योन्मत्त विद्याधर-४४६, ४४७ नाथूराम प्रेमी - ७५४ नाभि, नाभिराज ४, ६, ७, ६, २२, ३३, ३४, १३२, १३३, १३५, १३६, १३७. १३८, १३६ नारद - ३१८, ३१६, ३२०, ३२३, ४०२ नारायण - ३२६ निगष्ठ नायपुत्त ७७१, ७७२ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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