Book Title: Jain Dharma Darshan Part 1
Author(s): Nirmala Jain
Publisher: Adinath Jain Trust

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Page 46
________________ **************** भगवान महावीर की शिष्य सम्पदा साधु 14,000 साध्वी 36,000 1,59,000 3,18,000 श्रावक श्राविका अनुत्तर विमान में उत्पन्न केवलज्ञानी साधु केवलज्ञानी साध्वी अवधिज्ञानी मनः पर्यवज्ञानी वैक्रियलब्धिधर 800 700 1,400 1,300 500 700 वादी 400 चौदहपूर्वी 300 भगवान महावीर स्वामी का परिवार - परिचय 1. पिता 3. भाई 5. पत्नी 7. जमाई 9. चाचा 11. मामी 13. ससुर 15. गांव 17. जाति 19. गोत्र 21. दीक्षा 23. निर्वाण Jain Education International सिद्धार्थ राजा नंदीवर्धन यशोदादेवी जमालि सुपार्श्व सुभ्रदादेवी समरवीर क्षत्रिय कुंड क्षत्रिय काश्यपगोत्रीय मार्गशीर्ष कृष्णा 10 कार्तिक वदि 30 2. माता 4. भाभी 6. पुत्री 8. बहन - - 10. मामा 12. सास 14. नगरी 16. जन्म 18. नाम 20. च्यवन • आषाढ़ शुक्ला 6 22. केवलज्ञान - वैशाख सुदी 30 - - त्रिशलादेवी जयेष्ठा प्रियदर्शना सुदर्शना चेटक राजा धारिणी रानी वैशाली चैत्र सुदी 13 वर्धमान - तीर्थंकरों के पंच कल्याणक तीर्थंकर की आत्मा संसार में परम विशिष्ट लोकोत्तम आत्मा होती है। उनका जन्म केवल स्वयं के कल्याण हेतु नहीं, किंतु सम्पूर्ण विश्व के कल्याण का कारण होता है, इसलिए तीर्थंकर देव का जन्म जन्म कल्याणक' कहलाता है। इसी प्रकार उनका गृह त्याग कर प्रव्रजित होना, केवलज्ञान प्राप्त करना और संसार से मुक्त होकर निर्वाण प्राप्त करना भी 'कल्याणक' (कल्याणकारी) कहा जाता है। कुमार 40 For Private & Personal Use Only NAAAAAAAAAAAAA www.jainelibrary.org

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