Book Title: Jain Dharm Sar Sandesh
Author(s): Kashinath Upadhyay
Publisher: Radhaswami Satsang Byas

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Page 358
________________ 357 सन्दर्भ सूची 37. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव, पन्नालाल बाकलीवालकृत हिन्दीभाषानुवाद, श्रीपरमश्रुत प्रभावक ___मंडल, बम्बई, 1927, viii. 16, पृ. 112 38. वही, viii 17, पृ. 112 39. वही, viii 18, 21, 22 और 24, पृ.113-114 40. वही, viii 23 और 29, पृ. 114-115 41. हुकमचन्द भारिल्ल, शाकाहार, जैनदर्शन के परिप्रेक्ष्य में, पन्द्रहवाँ संस्करण, 1994, राजेशकुमार जैन एवं शान्तिनाथ पाटील द्वारा सम्पादित सूक्तिसुधा में उद्धृत, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर 2000, पृ. 90 42. हीरालाल जैन (सम्पादक), जैनधर्मामृत, भारतीय ज्ञानपीठ, काशी, 1960, iv 38, पृ. 119 43. अमृतचन्द्रसूरि, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, भाषाटीका सहित, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, 1915, श्लोक 66, पृ. 39-40 44. हीरा लाल जैन (सम्पादक), जैनधर्मामृत iv. 41, पृ. 119-120 45. अमृतचन्दसूरि, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, भाषाटीका सहित, श्री परम श्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, 115, श्लोक 82, पृ.45 46. सूत्रकृतांग 2.6.37-38, जैन सूत्र, सेक्रेड बुक ऑफ़ दि ईस्ट सीरिज़, अंक 45, पृ.416 47. आचारांग सूत्र 1.1.6.5, जैनसूत्र, सेक्रेड बुक ऑफ़ दि ईस्ट सीरिज़, अंक 22, पृ.12 48. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, 'जैनधर्म' प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, 1941, पृ.85-86 49. अमृतचन्दसूरि, पुरुषार्थसिद्ध्युपाय, भाषाटीकासहित, श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, बम्बई, 1915, श्लोक 62, पृ. 38-39 50. हीरालाल जैन (सम्पादक), जैनधर्मामृत, भारतीय ज्ञान पीठ, काशी, 1952, iv.36, पृ. 125 51. वही, iv.37, पृ. 125 52. हुकमचन्द भारिल्ल, चिन्तन की गहराइयाँ, द्वितीय संस्करण, 1999, राजेशकुमार जैन एवं शान्तिनाथ पाटील द्वारा सम्पादित सूक्तिसुधा में उद्धृत, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर, 2000, पृ.95 अध्याय 5 1. हीरालाल जैन, जिन-वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ, नयी दिल्ली, 1975, पृ. 173 # 723 और 724 2. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, द्वितीय संस्करण, 'जैनधर्म' प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, 1941, पृ.81-82

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