Book Title: Jain Dharm Sar Sandesh
Author(s): Kashinath Upadhyay
Publisher: Radhaswami Satsang Byas

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Page 361
________________ 360 जैन धर्म : सार सन्देश 41. गणेशप्रसाद वर्णी, वर्णी-वाणी, प्रथम भाग, पंचम संस्करण, सम्पादक-नरेन्द्र विद्यार्थी, श्री ____ गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, 1968, पृ. 6 # 41-43 और पृ. 28 # 13 42. आचार्य पद्मनन्दि, अनित्य भावना, श्लोक 17, पृ. 13-14 43. हीरालाल जैन (संपादक), जिन-वाणी, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, नयी दिल्ली, 1975, पृ. 199 44. दौलतरामकृत छहढाला, सटीक, दूसरी आवृत्ति, अनुवादक-मगनलाल-जी जैन, श्री सेठी ___ दि. जैन ग्रन्थमाला, 1955, पृ. 150-152 45. गणेशप्रसाद वर्णी, वर्णी-वाणी, प्रथम भाग, पंचम संस्करण, सम्पादक-नरेन्द्र विद्यार्थी, श्री ___ गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी,1968, पृ. 370-371 # 17 और पृ. 377 #76 46. चम्पक सागरजी महाराज, आत्म-मन्थन, श्री जैन सदाचार साहित्य समिति, जूनागढ़, 1965, पृ.87 47. गणेशप्रसाद वर्णी, वर्णी-वाणी, प्रथम भाग,पंचम संस्करण, सम्पादक-नरेन्द्र विद्यार्थी, श्री ___ गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, 1968, पृ. 238-239 # 107 और # 112 48. कुंथुसागरजी महाराज, सुधर्मोपदेशामृतसार, आचार्य कुंथुसागर ग्रन्थमाला, सोलापुर, 1940, पृ. 80-81 49. कुंथुसागरजी महाराज, श्रावक प्रतिक्रमणसार, तृतीय संस्करण, शिखरचन्द्र कपूर चन्द जैन, __जबलपुर, 1957, पृ.2-3 50. हीरालाल जैन (सम्पादक), जैनधर्मामृत, पृ. 272 51. नाथूराम डोंगरीय जैन, जैन-धर्म, द्वितीय संस्करण, 'जैनधर्म' प्रकाशक कार्यालय, बिजनौर, 1941, पृ.54-55 52. चम्पक सागरजी महाराज, आत्म-मन्थन, श्री जैन सदाचार साहित्य समिति, जूनागढ़, ___1965, पृ.89 53. वही, पृ. 102 54. वही, पृ.76-77 55. कुन्थुसागरजी महाराज, श्रावक प्रतिक्रमणसार, तृतीय संस्करण, शिखरचन्द्र कपूर चन्द जैन जबलपुर, 1957, पृ.7 56. कुंथुसागरजी महाराज, सुधर्मोपदेशामृतसार, पृ. 81 57. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 4/57-58, पृ.81-82 58. गणेशप्रसाद वर्णी, वर्णी-वाणी, प्रथम भाग, पंचम संस्करण, सम्पादक-नरेन्द्र विद्यार्थी, श्री ___ गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, वाराणसी, 1968, पृ.71 # 20 59. वही, पृ. 373 # 38 और 39

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