Book Title: Jain Dharm Sar Sandesh
Author(s): Kashinath Upadhyay
Publisher: Radhaswami Satsang Byas
View full book text
________________
सन्दर्भ सूची
371
18. वही, 21.9, पृ. 474 19. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 25.15 और 16, पृ. 255-256 20. द्रव्यसंग्रह 59, देखिए कन्हैयालाल लोढ़ा, जैन धर्म में ध्यान, प्राकृत भारती अकादमी,
जयपुर, 2007, पृ. 247 21. कन्हैयालाल लोढ़ा, जैन धर्म में ध्यान, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, 2007, पृ. 11 22. सागरमल जैन, कन्हैयालाल लोढ़ा की जैन धर्म में ध्यान की भूमिका, प्राकृत भारती
अकादमी, जयपुर, 2007, पृ.21 23. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 40.17, पृ. 420 24. पंचास्तिकाय, मूल 146, परमश्रुत प्रभावक मण्डल, बम्बई, 1916, देखिए, जैनेन्द्र
सिद्धान्त कोश, भाग 2, पृ. 494 25. अनगारधर्मामृत 1.114.117, खूबचन्द, शोलापुर, 1927, देखिए, जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश,
भाग2, पृ.494 26. आचार्य जिनसेन-सम्पादक, आदिपुराण, प्रथम भाग, 21.12, पृ.475 27. वही, 21.132, पृ. 488 28. राजवार्तिक 9/27/24/627/10, भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, दिल्ली, 1952, देखिए,
जैनेन्द्र सिद्धान्त कोश, भाग 2, पृ. 481-482 29. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 25.19, पृ. 256 30. पद्मसिंह मुनिराज, णाणसार (ज्ञानसार), श्लोक 11, पृ.१ 31. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 26-2 और 3, पृ. 262 32. आदिपुराण, प्रथम भाग 21.42-43, पृ. 478-479 33. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 40.7, पृ.418 34. आदिपुराण 21.133, पृ. 489 35. पद्मसिंह मुनिराज, णाणसार (ज्ञानसार), श्लोक 17; जैनेन्द सिद्धान्त कोश भाग 2, पृ. 477 36. आदिपुराण, प्रथम भाग 21.134,135,139 और 141, पृ. 489 37. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 33.22 और अन्तिम दोहा, पृ.341 38. आदिपुराण, प्रथम भाग 21.141-142, पृ. 489-490 39. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 34.1, 9 और अन्तिम दोहा, पृ. 341, 343 और 345 40. आदिपुराण 21.143 और 147, पृ. 490 41. शुभचन्द्राचार्य, ज्ञानार्णव 36. 3, 14 ,20, 21, 57 और 185, पृ. 352, 354, 355, 361
और 380

Page Navigation
1 ... 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394