Book Title: Jain Dharm Sar Sandesh
Author(s): Kashinath Upadhyay
Publisher: Radhaswami Satsang Byas

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Page 387
________________ 386 जैन धर्म : सार सन्देश कानजी स्वामी, मूल में भूल, भैया भगवतीदास जी और श्री बनारसीदास जी कृत __दोहा पर श्री कानजी स्वामी के प्रवचन, सोनगढ़ः श्री जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, 1947 कानजी स्वामी, मोक्षमार्ग प्रकाशक की किरणें, कहान जैन शास्त्रमाला, सोनगढ़ः जैन स्वाध्याय मन्दिर ट्रस्ट, 1950 कानजी स्वामी, वीतराग विज्ञान, भाग2, छहढाला के दूसरे अध्याय पर कानजी स्वामी के प्रवचन, कहान जैन शास्त्रमाला, सोनगढ़ : 1971 काशलीवाल, दीपचंदजी शाह, अनुभव प्रकाश, पंडित परमानन्दजी जैन शास्त्री (सम्पादक), श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, 1963 कुन्थुसागर जी महाराज, आचार्य, श्रावक प्रतिक्रमणसार, तृतीय संस्करण, जबलपुर : शिखरचन्द्र कपूरचन्द जैन, 1957 कुन्थुसागर जी महाराज, आचार्य, सुधर्मोपदेशामृतसार, सोलापुर : आचार्य कुन्थुसागर ग्रन्थमाला, 1940 कुन्दकुन्दाचार्य, नियमसार, ब्रह्मचारी शीतलप्रासद जी कृत हिन्दी भाषाटीका सहित, बम्बई : जैन ग्रन्थरत्नाकर कार्यालय, 1916 कुन्दकुन्दाचार्य, समयसार, पण्डित पन्नालाल (सम्पादक), वाराणसी : श्री ___ गणेशप्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, 1969 कूमट, रणजीत सिंह, ध्यान से स्वबोध, प्राकृत भारती अकादमी, जयपुर, 2007 गोपालन, एस, जैन दर्शन की रूपरेखा, नयी दिल्ली : वाइली ईस्टर्न लिमिट्ड, 1973 गोम्मटसार, कर्मकाण्ड, कलकत्ता : जैन सिद्धान्त प्रकाशिनी संस्था गोम्मटसार, कर्मकाण्ड, अगास: श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, 1978 गोम्मटसार, जीवकाण्ड, अगासः श्री परमश्रुत प्रभावक मण्डल, 1972 चम्पकसागर जी महाराज, आत्म-मन्थन, जूनागढ़ : श्री जैन सदाचार साहित्य समिति, 1965 चारित्रसार, महाबीर जी प्रकाशन, 1962 छान्दोग्पयोपनिषद् जयधवला, अमरावती प्रकाशन

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