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जैन दर्शन की संज्ञा की अवधारणा का समीक्षात्मक अध्ययन
अध्याय - 16 1. संज्ञा और विवेक 2. संज्ञा और संजी में अन्तर 3. संज्ञा विवेकशीलता के रूप में . 4. उपसंहार
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