Book Title: Itihas Ke Aaine Me Navangi Tikakar Abhaydevsuriji Ka Gaccha Author(s): Bhushan Shah Publisher: Mission Jainatva Jagaran View full book textPage 5
________________ परिशिष्ट-1 25. दुर्लभराजा का समय निर्णय परिशिष्ट-2 26. प्रभावक चरित्र का उल्लेख 27. 'सम्यक्त्व सप्ततिका' की टीका का उल्लेख परिशिष्ट-3 28. जिनेश्वरसूरिजी एवं उनके शिष्य आदि के उल्लेख परिशिष्ट-4 29. इतिहासप्रेमी ज्ञानसुन्दरजी म.सा. के ऐतिहासिक प्रमाणों से युक्त अभिप्राय 116 119 परिशिष्ट-5 30. खरतरगच्छ प्रतिष्ठा लेख संग्रह... 31. खरतरगच्छ का लेख तो सही! परंतु सं. 1234 का नहीं (सं. 1534 का है, उसकी सिद्धि) 138 परिशिष्ट-6 32. रुद्रपल्लीय गच्छ खरतरगच्छ की शाखा नहीं है। 140 परिशिष्ट-7 33. निष्पक्ष इतिहासकार पं. कल्याणविजयजी का ऐतिहासिक उपसंहार 145 परिशिष्ट-8 34. जिनपीयूषसागरसूरिजी के पत्र एवं उनकी समीक्षा 148 ( इतिहास के आइने में - नवाङ्गी टीकाकार अभयदेवसूरिजी का गच्छ /005 )Page Navigation
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