Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore

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Page 292
________________ ( २६ ) चिन्ह होय तो सुखने आपनारा थाय छे। अने बधा चिन्हो हाथनी सन्मुख न होय तो तेने अन्त समयमां फल आपे छे. आबघा चिन्हो जो स्पष्ट हाथमां होय तो तेने क्रोडो रुपया मले, तो अल्प फल तो अवश्य मले. नही जेना जमणा हाथमां सिंहासन, सूर्य, नंदावर्त, चन्द्रमांतोरण चिन्ह होय तो ते माणास सौर्वभौम सम्राट थाय निसन्देह समजवु. जेना हाथमां श्रीवच्छनु चिन्ह होय ते सुखी होय अने चक्रनुं चिन्ह होय तो उर्वशी अप्सरा जेवी स्त्रीनु सुख होय अने वज्रनु चिन्ह होय. तो धनी थाय, अने देव कुलनुं चिन्ह होय तो धार्मिक थाय. जेना हाथमां पालखीनुं चिन्ह होय, रथनु चिन्ह होय, घोडानुं चिन्ह होय, हाथीनु चिन्ह होय, बलधनु चिन्ह होय तो वे माणस शत्रुना सैन्यमां जय बलात्कारे पराजय करे-जय मेळवे. जेना हाथमां आ छत्रिश प्रकारना आयुधोपैकी एक पण आयुध होय तेनी साथे बीजो युद्ध न करी शके, तथा ते वीर विजयवन्त राजा थाय. जेना हाथमां नावडानु नावनुं तथा जहाज स्टिमर नु चिन्ह होय तो ते माणास रुपीयावालो सोनावालो रत्नवालो थाय अने समुद्रनी मुसाफरी करनार थाय. जेना हाथमां त्रिकोण रेखा होय, अथवा हलनी रेखा होय, मुसलनो रेखा होय उखलनी रेखा होय ते माणास खेती करनार थाय. जेना हाथमां मालानु चिन्ह होय ते माणास गायोनो मालिक थाय, कमण्डलु, ध्वज, कुंभ, स्वस्तिकनुं चिन्ह होय तो लक्ष्मीने आणनार थाय छे. जेना हाथमां वावडीनु चिन्ह होय तो सर्व लोकोनो प्रेमपात्र थाय, अने समुद्रनु चिन्ह होय तो महान् राजा थाय, दर्पण चिन्ह होय तो ज्ञानयी पूर्ण थाय, राज्याभिषेकनु चिन्ह होय तो राजा थाय. "Aho Shrutgyanam"

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