Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore
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(४२) रेखाओ न होय ते निर्धन गरीब होय छे. हथेळी लाल होय तो धनवान, पीळी होय तो अगम्यागामी-सफेद अथवा काळी होय तो दरिद्री, नील होय तो व्यसनी, लाख जेवा रंगनी लाल होय तो राजा, रुधिर जेबा लाल रंगनी होय तो धनवान, गृहस्थाश्रमी-हथेलीमा खाडो सारो नहि दुर्दैवी अने नुकसानकारक छे. आपत्ति, करज, - अपजश भोगवनार, हथेली. मृदु. नरम (सोफ्ट पाम ) होय ते कोमळ मननो, आळसु, भोग विलासी, चित्रकार होय छे. हथेळी बहु उंची होय तो स्वार्थी विषयांध पोताने वखाणनार, लांबा वांका नखवाळो निर्दय, व्यभिचारी, पशुवृत्ति करनार, नाना अने फीका नाखवाळो लुच्चो, लफंगो. काळा नाखवाळो विश्वासधाती, लांबा सफेद नाखवाळो नितिमान गोळ नाखवाळो सुख भोगवनार, स्वच्छ सफेद अथवा काळा नाखवाळो दुष्ट, जीद करनार, सफेद अने गुलाबी रंगना नाखवाळो शुद्ध अंतःकरणवाळो होय छे, रुक्ष नखवाळो नाउमेद, वेरागी, उदासीन, चीडीआ स्वभावनो होय छे. सफेद बिंदु मजीर्ण बतावे, पीळा तथा काळा रंगथी मिश्र नखवाळो रोगी, दगाबाज, दुष्ट स्वभाव, पडोशीथी असंतुष्ट, अंगुठा उपर सफेद बिंदु अगम्यागामी व्यभिचारी, काळु होय तो फोजदारी गुन्हानी आगाही, कनिष्टिका आंगळी उपर सफेद बिंदु फायदो आपे, काळु नुकशान करे; अनामिका उपर सफेद बिंदु व्यापारथी धन लाभ, काळु नुकसानी आपे मध्यममा सफेद थाय तो जळनी मुसाफरी सारी करावे अने काळु होय तो भारे संकट मापनार, पीछं होय तो नजीकना सगानुं मरण दर्शावे. तर्जनीउपर सफेद होय तो अपजश अने नीच काम करवानी आगाही पुरी पाडे. नख उपर काळु बिंदु, चिंता, मुकदमो, दावो; विवाद, भय, अपजश, देशत्याग, शोक, फीकर कराक्नार नीवडे छे. नखना अग्र भागमां बिंदु होय तो भुतकाळ, मध्यमा वर्तमानकाळ अने नीचे होय तो भविष्यकाळनी आगाही पुरी पाडे छे.
"Aho Shrutgyanam"

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