Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore
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( ५३ )
जमणो पग,
जेना पगमां चक्र थाय ते सतेज धनिक थाय.
जेना पगम चतुर्मह ( मंडल ) चिन्ह होय, ते स्वपराक्रमे घर विंगरे जमीन पेदा करनारो सुखी थाय.
जेना पगमां आवी सुलटी उर्ध्व रेखा होय ते माणस बहु कीर्तिवाळो धनिक थाय छे.
जेना पगमां शंखनुं चिन्ह होय ते वैरागी थाय.
जेनां पगमां चंद्ररेखा होय ते माणस दैवी शक्तिवाळो थाय.
जेना पगमां त्रिशूळ रेखा होय ते माणस धर्मना वेशवाळो पण अधर्मी छळी होय.
जेना पगमां वर्तुल चको होय ते माणस बहु भ्रमण करनार विदेशचारी थाय.
जेना पगमां मोरनुं चिन्ह होय, ते माणस सुंदर कंठवाळो तेमज स्त्रीवल्लभ अने क्षणिक कामी थाय.
जेना पगमां काचबानुं चिन्ह, होय, ते माणस जल तरवानी विद्यामां कुशल, अने बहु छुपा ( उंडा ) विचारवाळो थाय.
जेना पगमां अष्टदलपद्म होय ते माणस भ्रमणशील, विषयी अने दयालु थाय.
डाबो पग.
१ जेना पगमां चतुष्कोण होय ते माणस परदेश फरी पैसा कमा
वनार थाय.
२ जेना पगमां त्रिकोण चिन्ह होय ते दगाथी, खोटां कार्योंथी अने . सेळमेळना धंधाथी पैसो कमावे.
३ जेना पगमां ऊर्ध्व रेखा होय ते माणस स्त्री, पुत्र, धन, अने कीर्तिवाळो थाय.
"Aho Shrutgyanam"

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