Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore
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(५०) वांकी होय तो विगेरे बीजां अनेक लक्षणो तपासी जोवाथी दिवाना के गांडपणनो योग बने छे.
बहेरानो योग-शिर रेखा उपर टापु के दांतनी आकृति होय तो वधीरयोग बहेरापणुं बने छ,
नरवश, डरपोक, चीडीओ स्वभाव-हाथ उपर रेखाओ वधारे होय तो चीडीओ बने, डरपोक के नरवश बने छे.
हार्ट डिझीझ-आत्मरेखानी अंदर टापु के सरकलन चिन्ह होय. शनिना स्थान नीचे मस्तक रेखानो रंग पीळो होय अथवा आवरदानी रेखा पासे मंगळना स्थान उपर काळा रंगना बिंदु होय तो हार्टडिझीक्षनो रोग थाय छे. __दमनो रोग-हथेळीनो मध्य भाग नानो होय, बुधनी रेखा अने मस्तक रेखा मेगी थइ गइ होय तथा शुक्रना स्थानथी अक नानी रेखा नीकळीने आयुष्य रेखाने छेदीने मंगळना स्थानने मळती होय तो दमनो व्याधि थाय छे. ___ पग उपरथी केटलुक जाणवायूँ मळे छे. जेना पगनां तळी कोमळ, कमळना गर्भ समान; लाल रंगनां नखवाळां होय ते मनुष्य भाग्यशाळी होय छे. स्पर्श करवाथी गरम होय ते सुखी, नसो जेनी देखाती होय ते पगना मनुष्य, निर्धन, दरिद्री अने दुःखी होय छे. जेना पगना नख लांबा वांका अने सफेद तो, दुःखी जाणवो; पगना पोंचानो भाग मध्यमां उंचों होय तो पगथी मुसाफरी वधारे करनार जाणवो, पगनां तळीआं सरळ, कोमळ अने आंगळीओ सुधी सर्व उन रेखा गइ होय तो गाडी घोडा के मोटर विगेरे वाहनना सुख भोगवनार होय छे अने भाग्यशाळी मनुष्य होय छे. पादतलमां कमळनु चिन्ह राज्ययोग करे छ अथवा महाज्ञानी योगीओने कमळ होय छे. ध्वजा ( वावटो) होय तो लांबी मुसाफरीओ करावे, शंख के मच्छ होय तो जळनी मुसाफरीओ वधारे करावे. फलश, कुंड के काचबानो आकार होय तो धनवान थाय अने राज्यमान भोगवे,
"Aho Shrutgyanam"

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