Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore

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Page 306
________________ ( ४० ) ७ करतलमां को भाग उंचो छे अने दबायेलो छे ते जोवुं. ७ हस्तस्पर्शथी मृदुता, कठोरता, विगेरे. ८ आंगळी ओना पर्व ( बेढा ) तेनी रेखा, जाडाई अने चिन्ह विगेरेनी परिक्षा करवी. ९ करतलमां मुख्य मुख्य रेखामो जोवी जेथी जींदगी सुधीनी तमाम भूतभविष्य रचनाओ जाणी शकाय छे. १० करतलमां यत्र, त्रिकोण, चतुरस्त्र विगेरे चिन्हो जोवां. ११ करतलमां कयो भाग मजवुत छे मथवा नरम छे ते जोवुं. १२ ग्रहोना अने राशिमोना स्थानोनी बरोबर सुक्ष्म रीतीथी - तपास करवी. शंख चक्र विगेर जोवां. हस्त जोवानो समय. १ माध्यान्ह समये; भोजन कर्याबाद १२ थी ३ वाग्या सुधी हाथ न जोवो. २ स्नान कर्या विना अने अपवित्र समये न जोवुं . ३ रात्रीना समये हाथ न जोवो. ४ हाथ जोती वखमे बरोबर धोत्रेला अने स्वच्छ होवो जोई. ५ अतिभोजन, अति व्यायाम अथवा परिश्रम कर्या वाद न जोवो. ६ बहु शरदीमां, वधु गरमीमां, हाथ न जोवो. ७ शांति स्वभाव धारण करवो उतावळ, क्रोध, अहंकार, मदिरापान, मिष्टान्न भोजन, विगेरे त्याग कर. आ प्रकारे समय लइ हस्तपरिक्षा करवाथी दर्पणमां प्रतिबिंब जेवी रीते देखाय छे तेवी रीते स्पष्ट भावि जोई शकाय छे. ● आयुरेखा - लाइफ लाइन - मातृरेखा. मस्त रेखा - हेड लाइन - पितृरेखा. भाग्यरेखा - फेट लाइन - धनरेखा. सुर्यरेखा – अपोलो लाइन - विद्यारेखा. "Aho Shrutgyanam"

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