Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore
View full book text
________________
सामुद्रिक शास्त्र. ते संबंधी मतभद
हस्तरेखा.
राध्रमा
Stob13.
अरिया अन्तरमहोयतो मन वयसुरष होय.
अन्तरनहाय ती मध्यषय मुरथी हाय.
दष्ट संयोग
वैरीनाश
मन्तरायता
VL23
रिपुनाश
सक
चाम
-
जवरीयन्ती
P
-जलसंपरेषा
जनपरेका
यवमालाश
tamani
पवमापा
उधरोहार
परिवारका
विप
पारिवा
भाई बहिन रेषा.
मणिबन्ये जयमालाप्रेठे.
पण्डिन पुरुष दक्षिण हस्त मिरम्
पुरुष के स्त्री दरेक मनुष्यना हाथ, पग, ललाट विगेर तमाम अंगो उपर भावी शुभाशुभ बनावोनां चिन्ह मुकवामां आवेलां होय छे.
"Aho Shrutgyanam"

Page Navigation
1 ... 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318 319 320 321 322