Book Title: Hasta Sajjivanama
Author(s): Meghvijay
Publisher: Mohanlalji Jain Granthamala Indore
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( ३२ )
गलामा पृष्ठमा डाबा हाथना मांगलिना वेढामां जेटली ऊर्ध्वरेखा होय वेटला तेना शत्रु थाय.
अने दक्षिण हाथनी आंगलिना वेढामां जेटली ऊर्ध्वरेखाओ होय तेटला मित्र थाय, अने रेखा छेदायेली होय तो अडधु फल मले अने स्पष्ट हाये तो उतम फल मले.
जेना हाथना अंगूठाना पाछला भागमां जेटली रेखाओ होय तेटला बीस वर्ष जावे अने तेनो जन्म रातना थयेलो समजवो अनेतर्जनी आंगलिना पाछला भागमां जेटली लांबी रेखा होय तेटली वार तेने रोग थाय, अने रातना ते रोग विशेष प्रकारे सतावे, अने मध्यमां आंगलिनी पाछल रेखाओ होय तेने चोरोथी धन मळे अने परदारा लंपट थाय अने रात्रि भ्रमण करी पोतानु जीवन वीतावे तथा अनामिका आंगलिना पाछला भागमां रेखा होय तो ते माणास रात्रिना भोजन न करे अने परोपकारी थाय. धर्म, ध्यान, दया, जितेंद्रिय, गुरुदेवनी सेवा, आदि काम करे तेनाथी स्वमपण साराज जोवे. अने कनिष्टा आंगलिना पाछला भागमां रेखा होय तो क्रूरकर्म करवावाला थाय अन्यायी थाय, धर्मना उपर द्वेष राखनार थाय; इति
इति रेखाविमर्शनाधिकारः
विशेषाधिकार.
जेना हाथनी आंगलिओ विंशोपका होय, अटेले आंगलिओना वेढामां रहेली रेखाओ वीश होय तो ते माणास धार्मिक भाग्यवान तथा धनवान थाय, तथा जेने ओगणीश होय तो ते मध्यम भाग्यवान् होय, अठार होय तो जघन्य, तथा सतर होय तो अल्प भाग्यवान् होय.
नखनुलक्षण-
जेना नख काचबानी पीठनी मालक उंचा होय, लाल होय, नखना नाचनो भाग मांसथी परिपूर्ण होय, तथा शोभायमान होय, तथा वन्ने
"Aho Shrutgyanam"

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