Book Title: Haribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Anekantlatashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trsut
View full book text ________________ सप्तम अध्याय की संदर्भ सूचि 1. शास्त्रवार्ता समुच्चय स्तबक-१, गा. 87 2. षड्दर्शन समुच्चय टीका 3. शास्त्रवार्ता समुच्चय स्तबक-१, गा.८८ . 4. षड्दर्शन समुच्चय टीका पृ. 152 5. योगबिन्दु टीका गा. 449 6. षड्दर्शन समुच्चय टीका पृ. 409 7. वही पृ. 430 से 431 8. शास्त्रवार्ता समुच्चय श्लो. 90 9. लोकतत्त्व निर्णय (आत्मतत्त्व) श्लो. 3, 4, 5 10. वही श्लो. 8 से 10 11. शास्त्रवार्ता समुच्चय स्त. 3, श्लो. 20 12. योगबिन्दु टीका गा. 31 13. धर्मसंग्रहणी गा. 135 14. शास्त्रवार्ता समुच्चय गा. 78 15. योगबिन्दु गा. 15 16. वही गा. 200 17. वही गा. 55, 56 18. वही गा. 37 से 40 , 19. वही गा. 458 20. योगबिन्दु टीका गा. 458 से 461 21. षड्दर्शन समुच्चय टीका पृ. 138 / 22. शास्त्रवार्ता समुच्चय स्त. 2, गा. 37 " 23. षड्दर्शन समुच्चय का. 43 24. षड्दर्शन समुच्चय टीका पृ. 409 25. योगबिन्दु गा. 136 से 140 26. वही गा. 293, 294 27. वही गा. 456,457 28. शास्त्रवार्ता समुच्चय टीका स्त. 1, गा.२ 29. शास्त्रवार्ता समुच्चय टीप स्त. 1, पृ. 34 30. धर्मसंग्रहणी गा. 1385, 1386 31. गीता अ. 8/2 आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व सप्तम् अध्याय 1470
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