Book Title: Haribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Anekantlatashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trsut

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Page 547
________________ क्रम. ग्रन्थ का नाम / .58. श्रीनन्दी सूत्रम् | नन्दीवृत्ति नवतत्त्व प्रकरण निशीथ चूर्णि न्याय विनिश्चय न्याय मञ्जरी न्याय सूत्र न्याय प्रवेशिका | पक्खी सूत्र पञ्चाध्यायी | पञ्चसूत्रम् | पंच संग्रह लेखक/सम्पादक संस्करण प्रकाशक आत्मा रामजी | वि.सं. 2022| आचार्य श्री आत्मारामजी जैन प्रकाशन समिति लुधियाना हरिभद्र सूरि | वि.सं. 2441 | श्रीमति आगमोदय समिति, सूरत पूर्वाचार्य | वि.सं. 2514 | श्री जैन श्रेयस्कर मंडल विसाहगणि महत्तर ई. 1960 / सन्मति ज्ञानपीठ लोहामण्डी, आगरा श्रीमद्भट्टाकलङ्कदेव |वि.सं. 2005 | भारतीय ज्ञानपीठ, काशी श्रावक-नगीन जे. शाह | वि.सं. 1984 | दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्या मंदिर, अहमदाबाद अक्षपाद | वि.सं. 1952 | ग्रंथमाला विजयनगरम् संस्कृत सीरिज हरिभद्र सूरि | वि.सं. 1930 Oriental Institute, Baroda पूर्वाचार्य वि.सं. 2053 श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद कविवर पं. राजमलजी | वि.सं. 2476 श्री गणेश प्रसाद वर्णी जैन ग्रन्थमाला, बनारस पूर्वाचार्य | वि.सं. 2053 राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद चंद्रर्षि महतर वि.सं. 2042 श्री यशोविजयजी जैन पाठशाला मेहसाणा हरिभद्रसूरि वि. 1970 श्री जैन आत्मा नंद सभा, भावनगर हरिभद्र सूर वि.सं.२०४५ | जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई हरिभद्र सूरि वि.सं.२०४५ | जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई हरिभद्र सूरी वि.सं. 1997 श्री ऋषभ देवजी केसरीमलजी श्वेताम्बर संस्था रतलाम हरिभद्र सूरी वि.सं. 1997 श्री ऋषभ देवजी केसरीमलजी श्वेताम्बर संस्था, रतलाम आचार्य कुन्द कुन्द भारतीय ज्ञानपीठ, दिल्ली पतञ्जली ऋषि चौखम्बा विद्याभवन चौक, बनारस हरिहरानन्द आरण्य 1991 मोतीलाल बनारसी दास, मुंबई वादिदेव सूरि 1989 दीपचन्द बाठिया, उज्जैन श्री प्रभाचन्द्राचार्य 1940 सिंघी जैन ग्रन्थमाला, अहमदाबाद आ. पद्मसागरजी वि. सं. 2049/ अरुणोदय फाउन्डेशन राज शेखर सूरि 1977 हेमचंद्राचार्य जैन सभा, पाटण 70. | पञ्च सूत्र टीका 71. | पञ्चवस्तुक ग्रन्थ 72. | पञ्चवस्तुक टीका 73. | पञ्चाशक प्रकरण 74. | पञ्चाशक टीका 75. | पञ्चास्तिकाय पातञ्जलमहाभाष्य | पातञ्जल योगसूत्र प्रमाण नय तत्त्वलोक प्रभावक चरित्र 80. | प्रवचन पराग | प्रबन्धकोष 79. | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व VA 485

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