Book Title: Haribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Anekantlatashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trsut

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Page 549
________________ पूर्वाचार्य क्रम ग्रन्थ का नाम लेखक / सम्पादक संस्करण प्रकाशक 108. | विशुद्धिमग्गा अनु. भिक्षुधर्मरक्षित | वि.सं. 1956 | महाबोधि सभा सारनाथ बनारस | विंशतिविंशिका हरिभद्रसूरि वि.सं. 2054 कमल प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद वीतराग स्तोत्र हेमचन्द्राचार्य वि.सं. 2053 | श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 111./ वेदांत सूत्र अपौरूषेय वि. 1970 पाणिनि ऑफिस, इलाहाबाद 112./ वंदितासूत्र | वि.सं. 2051 / श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 113. शान्त सुधारस विनय विजयजी वि. 2053 | श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद 114. शास्त्र वार्ता समुच्चय | हरिभद्रसूरि ई. 1977 चौखम्भा प्राच्यविद्या ग्रन्थमाला, वाराणसी 115.| शास्त्र वार्ता समुच्चयटीका | यशोविजयगणी ई. 1977 चौखम्भा प्राच्यविद्या ग्रन्थमाला, वाराणसी 116./ शिष्य हितानामावश्यक टीका हरिभद्र सूरि जिन शासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई 117. षड्द्रव्यविचार प्रभु श्रीमद्विजय राजेन्द्र | वि.सं. 2049 / श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद सूरीश्वरजी म.सा. श्री राजेन्द्रसूरि चौक, रतनपोल, हाथीखाना, अहमदाबाद 118. षड्दर्शन समुच्चय हरिभद्र सूरि | ई. 2000 भारतीय ज्ञान पीठ, नई दिल्ली 119. षड्दर्शन समुच्चय टीका गुणरत्न सूरि | ई. 2000 भारतीय ज्ञान पीठ, नई दिल्ली 120. षोडशक प्रकरण हरिभद्र सूरि वि.सं. 2057 दिव्य दर्शन ट्रस्ट धोलका 121. षोडशक टीका. यशोविजयजी. वि.सं. 2057 | दिव्य दर्शन ट्रस्ट, धोलका | मुद्रणालय अहमदाबाद 12.2. समदर्शी आचार्य हरिभद्र सुखालालजी संघवी राजस्थान प्राच्य विद्याप्रतिष्ठान, जोधपुर 123. सर्वज्ञ सिद्धि हरिभद्रसूरि वि.सं. 2020 | श्री जैन साहित्य वर्धक सभा, शिरपुर 124. सवासो गाथा का स्तवन यशोविजयजी वि.सं. 2529 | श्री जैन धर्म प्रसारण ट्रस्ट, सूरत 125. सम्यक्त्व सप्ततिका हरिभद्रसूरि जिनशासन आराधना ट्रस्ट, मुंबई १२६.समकित सडसठ बोल की सज्झाय| यशोविजयजी वि.सं. 2056 | श्री जैन धर्म प्रसारण ट्रस्ट, अडाजन पाटीया, सुरत 127. सर्वार्थ सिद्धि पूज्य पाद शकाब्द 1825/ कलाप्पा निटेव, कोल्हापूर 128. समराइच कहा हरिभद्रसूरि 2022 श्री चन्द्रकान्त साकेरचन्द झवेरी, मुंबई 129. समवायांग सूत्र | मधुकरमुनि सन् 1962 आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर 130. समवायांग टीका मधुकरमुनि सन् 1962 आगम प्रकाशन समिति, ब्यावर आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व / 4487

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