Book Title: Haribhadrasuri ke Darshanik Chintan ka Vaishishtya
Author(s): Anekantlatashreeji
Publisher: Raj Rajendra Prakashan Trsut

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Page 548
________________ क्रम ग्रन्थ का नाम लेखक/सम्पादक संस्करण प्रकाशक 82. | प्रश्न व्याकरण श्री ज्ञानविमल सूरी | वि.सं. 1995 | श्री मुक्ति विमलजी जैन ग्रन्थमाला अहमदाबाद | प्रशमरति श्रीमद् उमास्वाति 1950 श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल, अगास | प्रज्ञापना सूत्र युवाचार्य मधुकर मुनि | वि.सं. 2527 | श्री आगम प्रकाशन समिति प्रज्ञापना टीका हरिभद्रसूरि वि.सं. 2006 | श्री जैन पुस्तक प्रचारक संस्था, सुरत प्रमाणवातिलंकार योगींद्रानंदजी स्वामी | ई.स. 1994 | चौखंबा विद्याभवन, वाराणसी प्रशस्तपादभाष्य व्योमवती | वि.सं. 2034 | संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, टीका वाराणसी बृहत्संग्रहणी मल्लधारी हेमचन्द्रसूरि | वि.सं. 2053 | श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद बृहद् द्रव्य संग्रह श्रीमन्नेमिचन्द्र वि.सं. 2525 श्री परमश्रुत प्रभावक मंडल बौद्धदर्शन मीमांसा पं.बलदेव उपाध्याय इ.स. 1954 चौखम्बा विद्याभवन चौक, बनारस ब्रह्मवर्त पुराण वेद व्यास 1946 | गंगाविष्णु क्षेमराज गुप्त, मुंबई भगवती सूत्र सुधर्मास्वामी वि.सं. 1979 | सनातन जैन मुद्रणालय, राजकोट भगवती टीका |श्री अभयदेव सरी वि.सं. 1979 | सनातन जैन मद्रणालय. राजकोट महाभारत वेद व्यास | वि.सं. 1996 | भिक्षु अखंडानंद माध्यमिकावृत्ति पांडेय रघुनाथ | ई. 1988 / मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली 96. | मीमांस श्लोक वार्तिका कुमारिल भट्टपादली | वि.सं. 1955 | चौखंबा संस्कृत सीरिज ऑफीस, वाराणसी योगविंशिका हरिभद्रसूरि वि.सं. 2057/ जैनधर्म प्रसारण ट्रस्ट, सूरत योग शतक हरिभद्रसूरि वि.सं. 2050 | जैनधर्म प्रसारण ट्रस्ट, सूरत योग दृष्टि समुच्चय हरिभद्रसूरि वि.सं. 2056 जैनधर्म प्रसारण ट्रस्ट, सूरत योग बिन्दु हरिभद्रसूरि वि.सं. 2007 | श्री बुद्धिसागरसूरि जैन ज्ञानमंदिर योग शास्त्र हेमचन्द्राचार्य वि.सं. 2033/ श्री मुक्तिचंद्र श्रमण आराधना ट्रस्ट 102.| योगवासिष्ठ उत्पत्तिकरण वाल्मीकि मुनि वि.सं. 1998-| त्रिभुवन दास के ठक्कर संस्था | साहित्य मुद्रणालय अहमदाबाद | लघु क्षेत्र समास रत्नशेखरसूरि | वि.सं. 2053 | श्री राज राजेन्द्र प्रकाशन ट्रस्ट, अहमदाबाद ललित विस्तरा वृत्ति हरिभद्रसूरि वि.सं. 2016 | दिव्य दर्शन साहित्य समिति, अहमदाबाद 105.| लोकतत्त्व निर्णय हरिभद्रसूरि वि.सं. 1995 | श्री जैन ग्रंथ प्रकाशक सभा, भावनगर 106. | विशेषावश्यक भाष्य | जिन भद्रगणि क्षमाश्रमण | वि.स. 2039 | दिव्यदर्शन ट्रस्ट गुलाल वाडी, मुंबई 107. विनयपिटक बुद्ध भगवान ई. 1998 | विपश्यना उतरविनिच्छय, इगतपुरी | आचार्य हरिभद्रसूरि का व्यक्तित्व एवं कृतित्व 486

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