Book Title: Gyanodaya Author(s): Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada Publisher: Taran Taran Gyan Samsthan Chindwada View full book textPage 8
________________ प्रेरणा..... भारतीय संस्कृति इस बात पर विश्वास करती है - " सा विद्या या विमुक्तये " विद्या वही है जो मुक्ति का कारण है । शिक्षा का समग्र व्यक्तित्व के निर्माण में अद्वितीय स्थान है। लौकिक शिक्षा व्यक्ति के इहलौकिक जीवन विकास के पथ को प्रशस्त करती है जबकि आध्यात्मिक शिक्षा निराकुलता की प्राप्ति, दुःखों से मुक्ति, शांति और आनन्द के रहस्यों को उद्घाटित करती हुई आत्मोन्नति के द्वार खोलती है । श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय सम्यग्ज्ञान से आलोकित परम आत्म विद्या को उपलब्ध करने हेतु स्थापित किया गया है। पंचवर्षीय पाठयक्रम के माध्यम से प्रवेशार्थी यथार्थ वस्तु स्वरूप से परिचित होंगे, जिससे वर्तमान में व्यवहारिक और सामाजिक जीवन सम्यग्ज्ञान से आलोकित होगा । पत्राचार पद्धति पर आधारित देश में अनेकों महाविद्यालय और विश्वविद्यालय संचालित किये जा रहे हैं। धार्मिक क्षेत्र में भी यह प्रयोग सफल हो रहे हैं। लाखों परिवार अपने - अपने धर्म से संबंधित मुक्त महाविद्यालयों में प्रवेश लेकर अपनी परम्परानुसार इष्ट के प्रति जानकारी उपलब्ध कर धन्यता का अनुभव करते हैं। व्यक्ति की अंतरंग श्रद्धा और समर्पण इस दिशा में अत्यंत सहयोगी होते हैं। श्री तारण तरण मुक्त महाविद्यालय छिंदवाड़ा का अत्यंत उन्नत लक्ष्य है। इस पवित्र उद्देश्य की पूर्ति के लिये सभी प्रवेशार्थी पाँच वर्ष तक अबाधगति से निरंतर अध्ययन करें। श्रद्धा, भक्ति, संकल्प शक्ति और समर्पण ही विकास का पथ प्रशस्त करता है । सभी का जीवन सम्यग्ज्ञानमय हो ऐसी अनेक शुभकामनाओं सहित....... ब्र. बसन्त ज्ञान समान न आन जगत में, सुख को कारण सच्चा ज्ञान ही सुख का कारण है। स्वाध्याय से इस लोक और परलोक में सुख प्राप्त होता है। स्वाध्याय की रुचि में प्रत्येक वर्ग में जागृत हो इसी उद्देश्य से मुक्त महाविद्यालय के माध्यम से पंचवर्षीय पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया है। प्रथम वर्ष में सभी ने इस ओर गहरी रुचि दिखाई है। आगे भी हम इस क्रम को बनायें रखें और पंचवर्षीय पाठ्यक्रम को पूरा करें। नये विद्यार्थी और खासतौर पर नवयुवक वर्ग स्वाध्याय के क्रम को बनाने हेतु महाविद्यालय से जुड़े सभी वर्ग से विनम्र अपील है कि प्रवेश पत्र भरकर ज्ञानार्जन के प्रथम सोपान में कदम रखें। शुभकामनाओं सहित....... तरुण गोयल प्रचार सचिव प्रदीप स्नेही सचिवPage Navigation
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