Book Title: Gadyachintamani
Author(s): Vadibhsinhsuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 482
________________ ३. व्यक्तिवाचक शब्दकोष अंजनगिरि-एक हाथी २४९।३६९ दृढमित्र-हेमाभपुरीका राजा १९११२८७ अनङ्गतिक का-एक पुंश्चलो विद्याधरी १८८०२८३ धनमित्र-राजा दृढ़मित्र का पुत्र १९१।२८८ अनङ्गमाला-काठाङ्गारको एक वेश्या जो आगे धर-बडवेग विद्याधरका मन्त्री ९५।१५५ चकर जीवको स्नेह करने पर सजा सत्यन्धरका मन्त्री २५।६० • लगी थी १४४।२१७ धारिणी-रुडवेगको स्त्री ९४१५३ भरविन्दरा-ब्रह्मा ९१३९ नन्दगोप-राजपुरीका प्रधान गोप ७७५१३२ अार्यनन्दी-जीवन्धरके गुरु ४४८७ नन्दादय-गन्धोत्कटका निजी पुत्र १९८०२९६ ओहयदेव-वादीसिंहका जन्म-नाम २९६१२९७ नरपतिदेव-क्षेमपुरीका राजा १७३।२६१ कनक्रमाला-राजा दृढमित्रको पुत्रो, जीवन्धरको नलिनी-राजा दृढमित्रकी स्त्रो १९१.२८८ स्त्री १९४.२९२ नधुति-राजा गोविन्दकी स्त्री २६२१३९३ कमळा-सागरदत्त वश्यकी स्त्री २१३१३१७ निवृति-सुभद्र सेठको स्त्री १७७।२६९ कालमेघ--एक हाथीका नाम २४९५३६९ पद्ममुख पद्मास्य-जीवन्धरका मित्र ८७५१४३ काष्टाङ्गार-राजा सत्यन्धरका मन्त्री ८.३८ पमा-लोकपाल की पुत्री-जीवन्धरको स्त्रो १५५।२३४ काष्टाङ्गाररिपु-जीवन्धर १६८१२५४ पद्मादयित-जोवन्धर १६५।२४९ कुबेरदत्त-सुरमतरीका पिता २२७।३३६ परनवेग-धातकी खण्ड-भूमितिलकका कुबेरमित्र-गुणमालाका पिता १४०।२१४ राजा २८३१४२० क्षेमश्री-नरपति देवकी पुत्री पवित्रकुमार-जीवन्धर १९१६२८७ क्षेमश्रीवल्लभ-जीवन्धर १८५।२७७ पुप्प सेन-बादीभसिंहके गुरु पीठिका श्लोक ६ गन्धर्वदत्ता-राजा गरुडवेग की पुत्री ९४।१५३ प्रियंवदा-गुणमालाको दासी १३०।२०१ गन्धर्वदत्तादयित-जीवन्धर १५७।२३९ बुद्धिषेश-जीवन्धरका मित्र २१५६३२१ गन्धोत्कट-राजगृहीका सेठ ३८७८ मथन-काष्टाङ्गारका साला २७.६२ गन्धोत्कटनन्दन-जीवन्धर १२८५१९९ यशोधर-राजा पवनवेगका पुत्र ( जीवन्धरगरुड़वेग-मित्यालोकका राजा ९४.१५३ का पूर्वभवका नाम) २८३।४२० गरुड़वेगसुता-गन्धर्वदत्ता १०७१७५ लक्ष्मणा-राजा गोबिन्द की पुत्री २६२१३९४ गुणमह-मरपतिदेवका भृत्य १७४२६२ नोकपाल-आर्यनादीगुरुका पूर्व नाम ५०९४ गुणमाला-जीवन्धरकी स्त्री १२७११९७ लोकपाक-चन्द्राभनगर का राजा १५५।२३४ गोदावरी-नन्दगोरकी पुत्री __ वर्धमान-अन्तिम तीर्थकर पीठिका १० गोविन्द-जीवन्धरके मामा-विदेहके राजा २३५।३४८ बादामसिंह-बादीरूपी हाथियोंको नष्ट करने के गोबिन्दा-नन्दगोपको पुत्री ८७४१४३ लिए मिह्के समान दलेपसे चम्पकमाला-विजयारानीकी एक दासीके वेपमें गचिन्तामणिके कता । पीठिका ६ स्थित यक्षो विजया-सत्यन्धरको स्त्री ७.३० जयलक्ष्मी-एक हस्तिनी २५४।३७७ विजयासूनु-जीवन्धर १६३।२४६ जीवकस्वामी-जीवन्धर ६६।११८ विनयमाला--गणमालाको माता १४०।२१४ जीवन्धर-सत्यन्धरके पुत्र (कथानायक ) विमला-सागरदत्तकी पुत्री २१२।३१७ पीठिका श्लोक ९ श्रीदत्त-राजपुरीका सेठ ८९।१४५ तथागह-वृद्ध ९४० श्रीदत्ततनया-गन्धर्वदत्ता १०४।१७१ सर्वत्र पेराग्राम और पृष्ठोंके दिये गये हैं।

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