Book Title: Gadyachintamani
Author(s): Vadibhsinhsuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 487
________________ परिशिष्टानि ४१३ उपरत-अभाव कण-अंगदेशका राजा-महा- काष्ठा-दिशा २३१५७ उपकार्या-कपड़ेके तम्बू भारतका एक पात्र ५।२९ - कांदिशीक-मयसे भागा हुआ २४१३५६ कर्णधार-खेवद ९११४८ २४॥५८ उपामकाध्ययन--गृहस्थ धर्मका -कर्णीसुस-चौर्यशास्त्रके प्रवर्तक किंवदन्ती-अफवाह ७५३१२७ वर्णन करनेवाला सप्तम अंग २७.६२ किरणमालिन्-सूर्य ३४७० ५५।१०२ कर्मण्य-समर्थ २३२।३४२ कीनाश-यमके समान अत्यन्त उर्वीधर-पर्वत कर्मास्तिक-नौकर १३९।२१२ २०७।३०७ उल्लाधता-स्वस्थता १६७।२५३ करिकरट-हाथियोंके गण्डस्थल कुक्कुटसंपास्य ग्रामपुर-पासऊधस्य-दूध ७७५१२९ ४/२५ पास बसे हुए गांव और नगर उरम्यसूनु-वैश्यपुत्र ११६६१८१ करेणुका-हस्तिनी ८३७ २३११३४० ऊपमल-गरम १६२।२४५ कलकण्ट-कोयल १२३।१९१ कुटमलिन दूर किया गया। -काशनय--अगस्त्मदिर कलशभवसहस-हजारों अगस्त्य १४१४७ कुट-घड़ा कङ्कलि-अशोक २४२॥३५६ ऋषि ५८।१०६ कुटिलता टेढ़ापन, मायापारिता कब्जासमावल्लम-लक्ष्मीपति कविन्ददुहित-यमुना नदी २३८६३५० १२१।१८९ कुहिमी-वेश्याओंकी दासी कठिनता-निर्दयता, कर्कशता -हार-श्वेत कमल श१ २४२३५७ ४॥२६ कल्याणमय सप्तपुत्रिका कुण्डल-हायका कड़ा कण्ठदन-कण्ठ प्रमाण स्वर्णनिर्मित सात पुतलियो १४३३२१६ ७४।१२५ ७७।१३२ कुण्डकित कुण्डल-कामरणके कबन्ध-शिररहित पड़ कवचहर दारक-कवच धारण समान गोल ॥१४ ११६।१८३ करने के योग्य अवस्थावाला पुत्र कुमार-कार्तिकेय ५२८ कवरी-चोटी १३।४४ १९७।२९३ कुलिशपतन-वज्रपात ३३१७ कमलसन्मन्-ब्रह्मा ७।३४ कचित-व्याप्त २३५० कुवलयानन्दिकरप्रचार-नील कमला-लक्ष्मी १।११ कशिपु-अन्न वस्त्रादि ९७।१६० कमलोंको आनन्दित करनेवाली कमलाकर-लक्ष्मीके हाथ, कमल- - काकपेया-गहरी नदी ७५॥१२७ किरणोंके प्रचारसे युक्त, पृषिवी. ५।२९ काच-नेत्रका रोग-काचियाविन्द मण्डलको हर्षित करनेवाले करकोका-ओलों का समूह ५८।१०६ टैक्स के प्रचारसे युक्त ५५२९ १५२।२३१ - काण्डपरिका-परदाका वस्त्र कुवलयैकमोहन-पृथिवीतलको करणबन्ध-नृत्यके विशिष्ट प्रयोग ३३१७० मोहित करनेवाला २२२१३३१ कातरता-भोरुता, चंचलता कुशेशयभू-ब्रह्मा ३१६ करदीकृत-टैक्समें दिये हुए ४.२६ कुशेशयालम कुटुम्बिनी३।१६ कादम्बकदम्बक-हंसोंका समूह सरस्वती ४६६८९ करभोर-करम (मणिबन्ध कलाई कुसुमकोदण्ड-कामदेव से लेकर छिगुरी तक हायको कामन द्विप प्रतिग्रह-जंगलो १२१११८९ बाह्य कोर) के समान जाँघों- हाथोके पकड़ने में २४१२३५५ कुसुमशरसहचर वसन्त ऋतु वाली स्त्रियाँ २७०।४०२ कापरिक-मायावियोंमें श्रेष्ठ १२३३१९२ करवाल-तलवार ३१६६ २३९।३५१ कृर्चकझाप-डांडीके बालोंका करशाखा--अंगुली १८६।२७७ काश्यपी-पषिवी ३१०६९ समूह ५७

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