Book Title: Gadyachintamani
Author(s): Vadibhsinhsuri, Pannalal Jain
Publisher: Bharatiya Gyanpith

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Page 493
________________ परिशिष्टान पदान्य जन-दानगोल मनुष्य चारि-पानी, हाथी बाँधनका विश्वकर्मन्-ब्रह्मा २०५४ ३२० स्थान [ वारी] १८०।२७३ विश्वम्भरा-मित्रो ५८५१०७ बनायुज-घोड़े १०३.१६९ बालधि-पूंछ १२५।१९५ विशिम्पमाल-बाणों को पवित वीपक-याचक ५।२७ चाम-सुन्दरो १८६।२८० १०६।१७४ वको कम्म-भील ८१।१३५ बाहरिन्-भैमा १६४।१४८ विशीयमाणचिकुरमार-बिखर वराह-उत्तमदिन २४२।३५८ वाहिनी निव-सेनाका समूह हुए बालोंका सम ह १८२।२७४ बराह नय-सूवार के तीन पुतले ७५.१२८ विशेषक-तिलक २१४।३१९ २४२१३५८ विकच विचकिल-फूली मालती विषमेपु-काम २१५।३२० अणिन्-ब्रह्मचारी,साधु ५४।१०० २२०३२७ विषाण-सींग १।१४ वपंधर-खोजा १५६।२३६ विधुन्तुद-राहु ७३१ विष्किर-पक्षी १६२।२४५ घलक्षित-सफ़ेद ९३३१५१ विधेयीकृत-अनुकूल ५४२७ चिसपिन-फैलनेवाला ५८।१०६ वलभी-गोपानसी, मकानकी विचक्षण-विद्वान ७८.१३३ विसमर-फैलनेवाला२४१।३५५ छपरी विचेयता-विरलता १३.४३ विरम्भ--विश्वास ३१६७ चल्गुरख-सुन्दर शब्द २२९।३३८ विजम्मित-विस्तार १४१३ वीचि-सन्तति चलकी वादन-वीणाका बजाना विजम्भिस--वृद्धिगत ८३८ - वीध्र-सफ़ेद २५२।३७५ १०९.१७६ विद्राण-भागते हा १६४४२४८ कट कम-मणिको चमकदार वल्लरीतलज-थेष्ठ लताएं विद्भावित-दूर हटाया १५१३ बनानेके लिए सानपर १६९.२५८ वित्तमदाचन विवेक-धनके चढ़ाना ६६.११८ वहवरलमा-गोपियाँ मदसे जिसका विवेक नष्ट हो वेतपड-हाथी ११६:१८२ ८७ १४३ गया है ६४११७ - रैजयन्तीदुकूल-पताका वस्त्र वसुधामुर-ब्राह्मण्य ४४८७ विपन:-बोणा १०५।१७३ २२१।३३८ वहिव-नाव २४१५३५५ विपणिपथ-वाचारकी गली वैदेशिक-परदेशी १५८०२४० म्यजनजात-शाकका समूह ३२१ यात्य-होठपना ४८.९२ विपिन-वन ५६।१०४ चैलक्ष्य-लज्जा १९०।१९. व्याकांश-खिले हुए २९.६३ ।। विबुधराज-इन्द्र ३।२२ वैशारय-पाण्डित्य १०९।१७७ वाचाल-शब्दायमान १९ . विमावरीरमण-चन्द्रमा बंश्यप्रतीक्ष्य-वैश्योंमे पूज्य श्रीदत्त वाचार-शब्दायमान ३५१७३ १८००२७२ संट ९३।१५१ वाच्यसंपर्क-निन्दाका संयोग विभ्रमहाधिका-छोटी नहर के वृत्त-गोल, चारित्र ९६।१५७ . १६५।२५१ आकारके बने हए कृत्रिम वृपशब्द-धर्मा शब्द, बलका वाइव कृपाटयोनि-बड़वानल जलाशय १५२-२३१ विलय विहित-अविनायो वृषस्था-सम्भोगकी इच्छा वाताकिन्-वात रोगवाला १९१:२८५ ५५॥१.३ १८०।२७२ विलुधिजास्थित-लोटकर उठे। ज्याकांश-खिले हुए २९६६३ वातायन-झरोखा ५०९४ २४२१३५६ धारणपरिवृत-गजराज विशङ्कर पीठ-बड़ो चौकी शनि-पराक्रम, शक्ति नामक २४२।३५७ शस्त्र ५।२८ दारवाण-कवच ९९.१६२ विशर पंटक-बड़ी पेटियां शतमख-इन्द्र ५.२८ चास्वामनयना-वेदया ३२४ ३।२० शतांग-रथ १२३११९३ वारपुवति-श्या २९/६३ -विशरारु-नरवर शकर-मछली

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