Book Title: Digambar Jain 1924 Varsh 17 Ank 06
Author(s): Mulchand Kisandas Kapadia
Publisher: Mulchand Kisandas Kapadia

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Page 7
________________ वर्ष १७ ] दिगम्बर जैन । dataalaaksavatats NEENIENSINEERING सेठीजी पुत्रका वियोग-हमारे चिर जैन समाचारावलि परिचित पुराने समाजसेवक पं. अर्जुनला लजी से ठं के इकलौते पुत्र प्रकाशचंद्र सेठोका EPRENERAR TREETTESEREEEERSITY जोधपुरमें देहान्त होगया । प्रकाश चंद्रनी भी , केशरियाजीमें ध्वजा दंड नहीं २० वर्षकी आयुमें राष्ट्रीय कार्यों में खूब भाग चढा-कई दिनोंसे सुनने में आता था कि ले रहे थे। आप हिन्दी की कविताएं भी अच्छी वैशाख सुदी को केशरियानी में उदैपुर रिया- बनाते थे। सेठनीको प्रकाशचंद्रजीके वियोगसे सतकी ओरसे वैष्णव रीति अनुसार ध्वनादंड बड़ा अघात पहुंचा है। चढ़नेवाला था इसके विरोध हमारी तरफ से दो नए क्षलक-बाहबलि पहाड़पर मुनि भनेक तार चिट्ठियें चहुंची थीं तथा रा• ब. शांतिसागरजीके केशलों के समय ब खुशाल सेठ टीकमचंदजी, रा. ब. नांदमलजी, सेठ चंदनी व ब. हीरालाल जीने क्षुल्लक पद धारण ठाकोरदास भगवानदास जौहरी, सेठ राजमलजी किया है। दोनोंके नाम अब क्रपशः चंद्रप्तागसेठी आदि केशरियाजी व उदेपुर पधारे थे रजी व वीरसागरजी रखे गये हैं। तथा एक भाई तो सत्याग्रह करनेको पहुंचा सिद्धवरकूट-में मुनि चन्द्रपागरजीने था जिससे फिलहाल ध्वनादंड चढ़ना बन्द वैशाख सुदी १ को केशलोंच किया था तब रहा है । सेठ टीकमचंदजी साहबने उदैपुरमें ७०० नरनारी उपस्थित हुए थे। कुंवर साहबसे मिलकर इस विषयकी चर्चा की पपौरा-की पाठशालाकी द्रव्याभावके कारण थी व मागे महाराजाको भी मिलनेवाले हैं। टूटने की संभावना हो रही है। बुंदेलखडके श्वे. जनोंकी ओरसे एक बेरिस्टर व दस पांच भाइयों का कर्तव्य है कि वे पं. मोतीलालजी साधु भी वहां पहुंचे थे परन्तु झगड़ा किती वर्णी द्वारा अतीव परिश्रमसे स्थापित इस पाठ. प्रकारसे न होने पाया था । शालाको सहायता देकर चालू ही रक्खें । विवाहमें दान-दाहोदमें अभी विवाहके मलकापुर-में श्राविका सुबोध पाठशालाका समय इस प्रकार दान हुमा था-कोठारी पन्ना. उत्सव जैनमहिला रत्न श्री ललिताबाई के लाल दलीचंद ५१) पाठशाला व १५०) मंदि- सभापतित्वमें ता. २८-४-२४ को हुआ रनी व अन्य, संस्थाओं को लूणनी चन्दालाल नी था जिसमें ललिताबाईने पाठशालाके कार्यसे १०१) पाठशाला व १०२) अन्य सेठ चुन्नी- संतोष प्रकट करके अध्यापिका प्रभावतीबाईके काल हंसरान १५) पाठशालानी कन्हैयालाल, कार्यकी प्रशंसा की थी। ३१) पाठशाला महाविद्यालय-व्यावरमें गरमीकी छुट्टी वर्धा में-सेतवाल जैन सभाकी ओरसे 'सेत. आषाढ वदी २तक हुई है। इसमें प्रवेशेच्छुक बाक सुदर्शन' मासिक प्रकट होनेवाला है। १० विद्यार्थियोंकी आवश्यकता है।

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