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दिगंबर जैन ।
११) .३० जिनसहश्राम प सवलीय रण विधि (नोट-इस ग्रन्यको मंत्र ज्ञाता विद्वानको ३१ । हूतविधि ५०५,२० ३२ जटहोम ५.६ शोधन करके प्रकाशमें जाना चाहिये । इसमें ३३ वसुनंदि प्रतिष्टापाठ लि० स० १६५३ मंत्रोंके बनानेकी विधि वर्णन की गई है) . ३४ अंकुरारोपण १० ९
_____......देष्टन न० १० ३५ प्रतिष्ठापाठ सामग्री व यंत्र पत्र ९२ . ५२ पद्मपुराण छंद खुशालचंदकृत रचा R. बेष्टन नं. ५
- १७८३ पर्व ३३ (अनन्तकीर्ति ग्रन्थमाला द्वारा ३६ ढई द्वीप पुजा सं० ५० १२१ : प्रगट योग्य ) ३७ पद्मावती कल्प मंत्र यंत्र लि.स. १८०२
- वेष्टन नं० ११. ३८ पद्मवती स्तोत्र मंत्र यंत्र ५० ११ ९ ५ पर्चाशतक भाषा पत्र ६४ ३९ नमोकार का मंत्र यंत्र पत्रे १९ ९ ४ चंद्र मुपुराण माषा छंद ५० यशकीर्ति ४० अन्यमतके श्लोक प०६
कृत । लुम्बर में १० १८५५ में रचा। पर्व १२ ४१ योगशस्त्र प्रथम प्रकाश प० ५ (नोट-इस ग्रंथको भी प्रकाशमें लाना चाहिये) वेष्टन नं. ६
५६ महापुराण (६३ शामाचरित्र) छंदबन्द ४२ श्रीपार्श्वनाथचरित्र सं० सकलकीर्तिकृत म० यशकीर्ति कृत स. १८७१ में रचा १३ पत्रे १३७ ( यह प्रगट योग्य है) मिलोड़ामें पत्र ३१९ यह भट्टारक बड़े विद्या.
४३ सिद्धांतशास्त्र सालकीर्तिकृत श्लोक ४५१६ प्रेमी थे। हरएक चौमासेमें ग्रन्थकी रचना ४४ प्रश्नोत्तर श्रावकाचार संसकलकीर्तिकृत करते थे । पत्रे ११७ लि० स० १६१६
वेष्टन नं० १२ ४५ वर्द्धमानपुराण सकलकीर्तित स.१८५३ ५६ आत्मावलोकन भाषा प० १७ वेष्टन नं. ७
५७ पात्र विचार मा० ५०४ ४१ त्रैलोकसारप्राकृत टिप्पणि स. १७९१ ५८ धनकुमारचरित्र छंद खुशालकृत प० ४१ १७ लघु व वृद्ध चाणक्यनीति रामनीति १९ नया माषा हेमराज प० १५ शास्त्र गुजराती टिप्पणी, सूना, नोट- यह मी देखने ६० दंडक भाषा ५० ४४ व प्रगट हाने योग्य नीति ग्रन्थ है। (अजैन ) ६१ अकलंकाष्टक भाषाटीका ५० १० ४८ चाणक्य नीति ५०९
६२ चारदान तथा मा० २९ ४९ आलापपद्धति प० १६
६३ कर्मकांड भाषा हेमराजकृत ५० ५६ वेष्टन नं. ८
इसमें १४८ प्रकृतियोंका वर्णन है। ५० ढाईद्वीप पूजा सं० ५० १५१
६४ अनंतव्रत कथा ७ . ____ वेष्टन मं० ९
१५-६१-दंडक - ५१ विद्यानुसद मंत्र पाल सं०१४ समुदेश ६७ चसिमाधान मा पत्र ९१ .